नए संसद भवन की जरूरत को लेकर लोकसभा स्पीकर ने चार साल में दो बाद नगरीय विकास मंत्रालय को पत्र लिखा है। स्पीकर की ओर से लिखे गए पत्र में वर्तमान भवन को पुरानी हो रही हैरिटेज इमारत बताया है। हालांकि दोनों बार लिखे गए खतों के जवाब में मंत्रालय की ओर से कोई जवाब नहीं आया। सबसे पहले जुलाई 2012 में मीरा कुमार ने स्पीकर रहते हुए इस बारे में खत लिखा था। उस खत का जवाब न आने पर सुमित्रा महाजन ने पिछले साल दिसंबर में मंत्री वैंकेया नायडू को पत्र लिखा। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
महाजन ने पत्र में लिखा था कि, वर्तमान परिसर ग्रेड 1 हेरिटेज बिल्डिंग है और यह पुराना हो रहा है। साथ ही इस पर पुराने होने के निशान भी दिखाई देने लगे हैं। मरम्मत में बाधाएं आने के साथ ही स्टाफ के कामों में भी दिक्कत आने लगी है। इसके चलते नए भवन की जरूरत महसूस होने लगी है। इडियन एक्सप्रेस की ओर से दायर आरटीआई के जवाब में लोकसभा सचिवालय ने बताया कि दोनों पत्रों के जवाब में नगरीय विकास मंत्री के जवाब का इंतजार है। लोकसभा सचिवालय ने दोनों पत्रों की कॉपी भी मुहैया कराई है। सुमित्रा महाजन ने नौ दिसंबर 2015 को पत्र लिखा था।
वहीं इससे पहले मीरा कुमार के ओएसडी राधेश्याम ने 13 जुलाई 2012 को पत्र भेजा था। यह खत तत्कालीन नगरीय विकास सचिव सुधीर कृष्णा को भेजा गया था। इस खत में बताया गया कि 2026 के बाद लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों की संख्या में इजाफा हो सकता है। मीरा कुमार की ओर से भेजे गए खत में नए संसद भवन के लिए सर्वे कर जगह ढुढ़ने को कहा गया था। वहीं सुमित्रा महाजन के खत में तो वैकल्पिक जगह भी सुझाई गर्इ। महाजन ने संसद भवन परिसर के प्लॉट नंबर 118 को इसके विकल्प के रूप में बताया गया। गौरतलब है कि वर्तमान संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था। 1927 में यह उपयोग में लाया गया।