Samajwadi Party BJP Batenge Toh Katenge: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे के जवाब में समाजवादी पार्टी खुलकर मैदान में उतर आई है। सपा ने एक बार फिर इस नारे का जवाब लखनऊ में नया पोस्टर लगाकर दिया है। याद दिलाना होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस साल अगस्त में आगरा में हुई एक जनसभा में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था। योगी ने कहा था कि एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की पराकाष्ठा तक पहुंचेंगे।
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को लेकर उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म है। महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और हाल ही में मुंबई के अंधेरी ईस्ट, बांद्रा और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के आसपास ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के पोस्टर लगे हुए थे। मुंबई में ‘उत्तर भारतीय बंटोगे तो पिटोगे’ लिखे हुए पोस्टर भी लगे हैं और वायरल हुए हैं।
…PDA जोड़ेगी और जीतेगी
सपा की ओर से लगाए गए नए पोस्टर में लिखा है- मठाधीश बांटेंगे और काटेंगे PDA जोड़ेगी और जीतेगी। यह पोस्टर सपा नेता अमित चौबे ने लगाया है। पोस्टर में सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही अमित चौबे का भी फोटो है। अमित चौबे ने कुछ दिन पहले भी एक और पोस्टर लगाया था। इसमें लिखा था- न बटेंगे न कटेंगे, PDA के संग रहेंगे। इससे पहले सपा नेताओं ने ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ लिखा हुआ पोस्टर जारी किया था।
उपचुनाव को लेकर घमासान तेज
उत्तर प्रदेश में इन दिनों नौ विधानसभा सीटों को लेकर हो रहे उपचुनाव की वजह से पहले से ही चुनावी माहौल काफी गर्म है लेकिन अब ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को लेकर जिस तरह का घमासान और बहस टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया और चौराहों-नुक्कड़ों पर चल रही है, इससे उपचुनाव में सपा और बीजेपी के बीच चल रही चुनावी लड़ाई और तेज हो गयी है।
इन 9 सीटों पर हो रहा है उपचुनाव
विधानसभा सीट का नाम | संबंधित लोकसभा |
कटेहरी | अंबेडकर नगर |
मझवां | मिर्जापुर |
मीरापुर | मुजफ्फरनगर |
सीसामऊ | कानपुर नगर |
करहल | मैनपुरी |
फूलपुर | फूलपुर |
खैर | अलीगढ़ |
कुंदरकी | मुरादाबाद |
गाजियाबाद | गाजियाबाद |
लोकसभा चुनाव 2024 में सपा की अगुवाई में इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था, उसके बाद उपचुनाव की लड़ाई के साथ ही 2027 के चुनाव की लड़ाई भी काफी तेज हो गई है। बताना होगा कि उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव फरवरी, 2027 में होना है। विरोधी दलों के द्वारा इस नारे की आलोचना के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इसका समर्थन किया था।
लोकसभा चुनाव में सपा ने दिखाया था दम
राजनीतिक दल | 2024 में मिली सीटें | 2019 में मिली सीटें |
बीजेपी | 33 | 62 |
सपा | 37 | 5 |
कांग्रेस | 6 | 1 |
बीएसपी | 0 | 10 |
रालोद | 2 | – |
अपना दल (एस) | 1 | 2 |
आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) | 1 | – |
जीत में रहा था PDA का योगदान
लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी को PDA फार्मूले का काफी फायदा मिला था। पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी इस बार 37 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी।
क्या है PDA का मतलब?
PDA का मतलब है- पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। यूपी में पिछड़े समुदाय की आबादी 45%, दलित समुदाय की आबादी 21.5% और मुस्लिम समुदाय की आबादी 20% है। कुल मिलाकर PDA की आबादी यूपी में 86.5 प्रतिशत है। सपा को उम्मीद है कि उसे इस बार उपचुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव में भी PDA का साथ मिलेगा।
बीजेपी बोली- PDA के नाम पर दिया जा रहा धोखा
सपा के PDA के नारे का बीजेपी कई बार जवाब दे चुकी है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि PDA का मतलब परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी है और इसके नाम पर लोगों को धोखा दिया जा रहा है। मौर्य का कहना है कि इस नारे का पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक से कोई मतलब नहीं है।