संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से पहले ही समाप्त हो गया है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों 29 नवंबर को शुरू हुआ था और इसे 23 दिसंबर तक चलना था, लेकिन बुधवार को ही इसका समापन कर दिया गया। इसके बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है।

सत्र समय से पहले समाप्त होने पर समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन ने कहा कि वो इसके बारे में आत्मकथा में लिखेंगी। आजतक से बात करते हुए जया बच्चन ने कहा- अगर किसी दिन मैंने अपनी जीवनी लिखी तो उसमें मैं पिछले चार साल के संसद सत्र के बारे में जरूर लिखूंगी… इतने बुरे दिन तो इतने सालों में, 70 साल से ऊपर हो गए… पता नहीं क्या क्या महोत्सव मना रहे हैं। मगर पार्लियामेंट में कभी इस तरह से नहीं हुआ”।

जया बच्चन ने संसद में सत्र के दौरान की गड़बड़ियों पर कहा कि आप मुझसे नहीं, यहां जो काम करते हैं उनसे भी पूछ लीजिए। उन्होंने कहा कि जो बरसों से यहां काम कर रहे हैं, वो भी कह रहे हैं कि हमने ऐसा नहीं देखा। उन्होंने सदन चलाने में मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि जो मन में आ रहा है वो कर रहे हैं। किसी को भी संस्पेंड कर दे रहे हैं। सपा सांसद ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 12 सांसद सदन से एक महीने बाहर रहे हैं। सरकार ने बगैर अपोजिशन के सारे बिल पास कर लिए।

बता दें कि दो दिन पहले जया बच्चन ने सरकार के खिलाफ सदन में भी कड़ी टिप्पणी की थी। हुआ यूं था कि जया बच्चन सदन में 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बोलने के लिए खड़ी हुईं थीं, इसी बीच किसी सांसद ने उनके खिलाफ निजी टिप्पणी कर दी। जिससे वह बुरी तरह से भड़क गईं और उन्होंने कड़ी टिप्पणी कर दी।

जया बच्चन ने गुस्से में कहा था कि आप लोगों के बुरे दिन बहुत जल्दी आने वाले हैं। सदन में मुझ पर निजी हमला किया गया, मैं आपको श्राप देती हूं कि आप लोगों के बुरे दिन आएंगे।