देश इस समय कोरोना संकट से जूझ रहा है। इसी बीच NEET/JEE’ की परीक्षा होने जा रही है देश भर में छात्र इसका विरोध कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की संयुक्त बैठक बुलाई है।
इस बैठक में सितंबर में होने वाले NEET और JEE की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग पर चर्चा की जाएगी। यह मीटिंग दोपहर 2.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से की जाएगी। इस मीटिंग में सोनिया और ममता के अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी आदि शामिल होंगे। कुछ ज़रूरी काम की वजह से केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
इससे पहले ममता बनर्जी ने इसका विरोध करते हुए केंद्र सरकार से देश में कोविद -19 संकट के मद्देनजर दूसरी बार NEET और JEE 2020 को स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने ट्वीट कर कहा था कि यदि परीक्षाएं सितंबर के निर्धारित शेड्यूल में हुईं तो इससे छात्रों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है।
ममता ने लिखा “शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों पर नीट और जेईई आयोजन होना है। मैं केंद्र सरकार से एक बार फिर गुजारिश करूंगी कि वे हालात को समझे और जब तक स्थिति सामान्य न हो तब तक के लिए परीक्षाएं स्थगित कर दें।” उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई आखिरी वीडियो कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यूजीसी गाइडलाइन्स के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी।
यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन्स में निर्देश दिया था कि विश्वविद्यालय/कॉलेज सितंबर 2020 अंत तक फाइनल ईयर की परीक्षाएं पूरी करा लें। लेकिन सिंतबर में यदि परीक्षएं कराई जाती हैं तो काफी ज्यादा आशंका है कि छात्रों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
वहीं इस मामले में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि छात्रों को सुरक्षित रखा जाएगा। निशंक ने कहा कि भिभावकों और छात्रों की मांग पर ही परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट भी मानता है कि एकेडमिक ईयर को बर्बाद नहीं किया जा सकता है, फिर भी हमारा मानना है कि पहले सुरक्षा फिर परीक्षा। इसलिए हम परीक्षा केंद्रों में कोरोना के खतरें को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी एहतियात बरत रहें हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे लिए छात्रों की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। छात्रों को ट्रैवल में किसी भी प्रकार की परेशानी न आए, इसके लिए एनटीए ने ऑप्शनल परीक्षा केंद्र दिए हैं। हमने ऐसी व्यवस्था की है कि हर केंद्र पर लगभग 100 से 150 छात्र होंगे।