Supreme Court Waqf Bill Judgement Today: केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने जोर देकर कहा है कि पूरे कानून को रोकने का अधिकार उसके पास नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने नए वक्फ कानून की तीन धाराओं पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के उस प्रावधान पर रोक लगा दी जिसके अनुसार वक्फ बोर्ड में तीन से ज्यादा गैर मुस्लिम सदस्यों को नहीं लेना है। सर्वोच्च अदालत ने वक्फ अधिनियम के अनुच्छेद 3(74) पर रोक लगा दी है।
मुस्लिम किसे माना जाएगा?
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम के उस प्रावधान पर भी रोक लगा दी है जिसके अनुसार केवल पाँच साल या उससे अधिक समय तक मुस्लिम रहा व्यक्ति ही वक्फ बोर्ड को अपनी सम्पत्ति दान दे सकता है। वक्फ कानून के इस प्रावधन पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अभी के लिए रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पहले सभी राज्यों को अपने स्तर पर नियम बनाने की जरूरत है जिससे यह तय हो सके कि किसे मुस्लिम माना जा रहा है या नहीं।
इसके अलावा धारा 3(74) से जुड़े राजस्व रिकॉर्ड के प्रावधान पर भी फिलहाल रोक रहने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा है कि कार्यपालिका किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का निर्धारण नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ सम्पत्तियों को रजिस्टर करवाने के प्रावधान को उचित ठहराया है। अदालत ने कहा कि पहले वाले कानून में भी यह प्रावधान था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा है कि कोशिश रहनी चाहिए कि बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मुस्लिम ही हो। अदालत ने यह भी कहा है कि उनका यह आदेश इस एक्ट की वैधता पर उसकी अंतिम राय नहीं है।
वक्फ कानून 2025 क्या है?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 अगस्त 2024 में संसद में पारित हुआ। यह विधेयक मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 को निरस्त करने और वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने के लिए लाया गया था। संसद में पारित होने के बाद इस विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास विचार के लिए भेजा गया था। अप्रैल 2025 में यह विधेयक सदन में पारित हुआ और वक्फ कानून 2025 पारित हुआ जिसे कई पक्षों द्वारा अदालत में चुनौती दी गयी। केंद्र सरकार के अनुसार वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और दुरुपयोग रोकने के लिए नियमों को सख्त करने के उद्देश्य से बनाया गया।
ये भी पढ़ें- वक्फ एक्ट की धारा 40 को लेकर क्या विवाद है?