जम्मू-कश्मीर के शोपियां में पत्थरबाज भीड़ पर सेना की फायरिंग में दो नागरिकों की मौत के बाद सेना के एक मेजर पर एफआईआर दर्ज की गई है। बुधवार (31 जनवरी) को सेना की तरफ से भी एक एफआईआर दर्ज कराई गई है। वार-प्रतिवार पर पूरे देशभर में ये चर्चा हो रही है कि क्या सेना पर आतंकियों को समर्थन देने वाले लोगों पर बंदूक तानने का अधिकार है या नहीं। इसी मुद्दे पर आजतक चैनल पर ‘हल्ला बोल’ कार्यक्रम के लाइव शो में सामाजिक कार्यकर्ता बाबर कादरी और अन्य मेहमानों के बीच जमकर बहस हुई। कादरी ने कहा, “यहां की फौज खून की प्यासी है।” आरएसएस समर्थक राकेश सिन्हा ने तुरंत कादरी का विरोध किया और कहा कि गलत शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। शो की होस्ट और एंकर अंजना ओम कश्यप ने भी तुरंत मामले में दखल देते हुए बाबर कादरी की बोलती बंद करते हुए अपने सहयोगियों को इशारा किया और कहा कि इनकी आवाज तुरंत ऑफ एयर की जाय। अंजना ने कहा कि ऐसी बातें ऑन एयर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का अपमान करने की इजाजत आपको नहीं दी जा सकती है।

इसके बाद राकेश सिन्हा ने कहा कि सेना पर ऐसी टिप्पणी करने के लिए कादरी माफी मांगें। सिन्हा ने कहा कि जो सेना देश की रक्षा कर रही है, देश की सम्प्रभुता की रक्षा कर रही है, उसके लिए इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। सिन्हा ने कहा कि इसी सेना ने जब कश्मीर में बाढ़ आई थी तब कश्मीरियों की जान बचाई थी। इनमें से कई कादरी के परिवार वाले भी थे। उन्होंने कहा कि सेना कश्मीर से अगर हट जाएगी तो आपका जीना दुश्वार हो जाएगा।

रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड मेजर एजेबी जैनी ने कहा कि जब कश्मीर में भूकंप आया था तब आप कहां थे, जब वहां बाढ़ आई थी तब आप कहां थे? जैनी ने कहा कि उस वक्त भी सेना मुस्तैदी से अपना धर्म निभा रही थी। इंसानियत को बचा रही थी। लोगों को बचा रही थी। राकेश सिन्हा ने कहा कि कादरी को देश में नहीं रहने दिया जाएगा क्योंकि वो पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। इससे पहले दोनों के बीच इतिहास को लेकर भी तीखी झड़प हुई। जब पैनलिस्टों ने बाबर कादरी पर हमला बोला तो उन्होंने अपने मुंह पर कागज रख लिया।