केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने बयानों के चलते खबरों में रहती हैं। उनकी तीखी टिप्पणियां हमेशा ही सुर्खियां बटोरती हैं। एक बार फिर ऐसा ही नजारा संसद में देखने को मिला। संसद में तीन तलाक पर बहस के दौरान स्मृति ईरानी अपनी बात रख रही थीं। केंद्रीय मंत्री तीन तलाक के मुद्दे पर अपने विचार रखते हुए इस्लामिक इतिहास की बातें रखीं। इस दौरान ईरानी ने पैगंबर मोहम्मद के समय तलाक के कुछ मामलों का भी जिक्र किया। लेकिन तीन तलाक पर अपनी बात रख रहीं ईरानी को विपक्ष हंगामा कर रोक रहा था। इससे स्मृति ईरानी का पारा चढ़ गया। संसद में ही उन्होंने लेफ्ट के सांसद मोहम्मद सलीम से कहा कि, ‘अगर हजरत साहब का नाम मेरे मुंह से सुनना चाहते हैं तो कभी दम हो तो हनुमान चालीसा सुना दीजिएगा’।

लोकसभा में तीन तलाक बिल पर शीतकालीन सत्र के दौरान गुरुवार (27 दिसंबर) को चर्चा हुई। तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान संसद सदस्यों ने इस मुद्दों पर अपनी राय जाहिर की। लेकिन चर्चा बढ़ने के साथ संसद और वहां बैठे सदस्यों का पारा भी चढ़ता गया। तीन तलाक पर अपनी बात रख रहीं ईरानी ने इस्लामिक इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जब दूसरे खलीफ के सामने पहली बार ऐसा केस आया जब पूछा गया एक व्यक्ति से कि क्या आपने ऐसे तलाक दिया है और जब उस व्यक्ति ने स्वीकारा तो उस वक्त दूसरे खलीफ ने उसे 40 कोड़ों की सजा सुनाई गई’।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस्लामिक इतिहास की बात खत्म करते हुए कहा, ‘इसका मतलब इस्लामिक ज्यूरिक प्रूडेंस का इतिहास भी यह बतलाता है कि तलाक एक बिद्दत, एक क्रिमिनल एक्ट है, अगेंस्ट अ वूमेन’। ईरानी चर्चा के दौरान अपनी बात आगे रख ही रही थीं कि लेफ्ट के सांसद मोहम्मद सलीम बार बार उन्हें हंगामा कर रोकने का प्रयास कर रहे थे। इतने में ईरानी का पारा चढ़ गया। उन्होंने संसद में ही सलीम पर भड़कते हुए कहा, ‘हजरत साहब का नाम मुझसे सुनना चाहते हैं तो मैं भी हनुमान चालीसा आपके मुंह से सुनना चाहूंगी, कभी हिम्मत हो तो सुना दीजिएगा’।