फेक न्यूज पर पत्रकारों के ऊपर कार्रवाई को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के मंत्रालय के फैसलों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलट दिया है। पीएम ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फैसले पर कहा कि फर्जी खबर पर कोई भी फैसला प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया या एनबीए ही लेगा। इसमें सरकार की कोई दखलअंदाजी नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके साथ ही स्मृति ईरानी के मंत्रालय को अपना आदेश वापस लेने के लिए भी कहा है। पीएम द्वारा फैसला पलटवाए जाने के बाद अब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर कहा है कि हम पत्रकार संगठनों या फिर प्रेस काउंसिल जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर फेक न्यूज के खिलाफ लड़ेंगे। स्मृति ईरानी ने आगे लिखा कि इस संबंध में कोई पत्रकार या संगठन उनसे मंत्रालय में सीधा संपर्क कर सकता है।

आपको बता दें कि इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी की थी। इस विज्ञप्ति में पत्रकारों की मान्यता के लिए संशोधित दिशानिर्देश दिये गये थे। नए दिशानिर्देशों में कहा गया था कि अगर पहली बार फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पत्रकार की मान्यता छह महिने तक रद्द कर दी जाएगी। अगर दूसरी बार फर्जी खबर की पु्ष्टि होती है तो एक साल के लिए पत्रकार की मान्यता रद्द कर जाएगी। वहीं तीसरी बार किसी फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण का दोषी पाए जाने पर पत्रकार की मान्यता स्थाई रूप से रद्द कर दी जाएगी।

 

मंत्रालय ने अपनी नई गाडलाइन में कहा था कि यदि प्रिंट मीडिया में फेक न्यूज की शिकायत मिलती है तो उसे प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। वहीं अगर फर्जी खबर का मामला इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से आता है तो उसे न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को भेजा जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के इस नए दिशानिर्देश के बाद विपक्ष के नेताओं ने जहां एक तरफ केंद्र सरकार पर निशाना साधा था तो वहीं कुछ पत्रकारों ने सरकार से इस निर्णय पर फिर से विचार करने का आग्रह किया था। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार  (04-03-2018) को सूचना प्रसारण मंत्रालय के नए गाइडलाइन्स को रद्द कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा है कि फेक न्यूज के मामले में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया या एनबीए ही कोई फैसला लेगा।