देश के कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने संसद में शुक्रवार को जानकारी दी कि प्रधान मंत्री मुद्दा योजना के जरिए 1.1 करोड़ नौकरियों का सृजन हुआ है। हालांकि, उनके ये आंकड़े पीएम नरेंद्र मोदी के बयान से उलट हैं, जिन्होंने आम चुनाव से पहले मुद्रा योजना के जरिए करीब 4 गुना ज्यादा रोजगार पैदा होने का दावा किया था।

मोदी ने रिपब्लिक भारत टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि योजना के तहत पहली बार लोन लेने वाले कम से कम 4 करोड़ लोग जुड़े और हर किसी ने कुछ न कुछ रोजगार जरूर पैदा किया होगा, ऐसे में इस स्कीम के तहत कम से कम 4 करोड़ नौकरियां पैदा हुई होंगी। बता दें कि 2015 में लॉन्च हुई इस स्कीम के तहत नए या पुराने आय उत्पन करने से जुड़ी गतिविधियों को मौद्रिक सहायता दी गई।

मोदी ने कहा था, ‘मुद्रा योजना के तहत 15 से लेकर 17 करोड़ लोगों ने लोन लिया। इनमें से चार करोड़ लोग ऐसे थे जिन्होंने पहली बार कर्ज लिया। उन्होंने रोजगार उत्पन्न किए होंगे। उन्होंने कुछ लोगों को जरूर नौकरियां दी होंगी।’ वहीं, शुक्रवार को कौशल विकास मंत्री पांडेय ने राज्यसभा में सीपीएम सदस्य झरना दास बैद्य के सवाल के जवाब में अलग आंकड़े पेश किए। दास ने पूछा था कि क्या एक तिहाई कुशल युवा बेरोजगार है?

पांडेय ने कहा, ‘विभिन्न सर्वे में हमारी सरकार द्वारा दी गई नौकरियों और उन बेरोजगारों की कुछ खास तादाद बताई गई है।’ मंत्री ने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारी फ्लैगशिप योजना मुद्रा स्कीम ने विभिन्न जरियों से 1 करोड़ 10 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं।’

बता दें कि श्रम मंत्रालय के अंग लेबर ब्यूरो के सैंपल सर्वे में भी यह पाया गया था कि स्कीम के जरिए 1.12 करोड़ नौकरियां उत्पन्न हुई हैं। एक एक्सपर्ट कमेटी ने इस रिपोर्ट पर मुहर भी लगाई थी लेकिन आंकड़े अभी तक जारी नहीं किए गए। श्रम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आंकड़ों के दोबारा से सत्यापन न हो पाने की वजह से रिपोर्ट को अभी तक होल्ड पर रखा गया है।