त्रिपुरा में स्थानीय लोगों द्वारा दुर्लभ प्रजाति के 6 अजगरों को सरेराह काटने और फिर उन्हें खा जाने का मामला सामने आया है। अजगरों को काटने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। अजगरों को काटने की घटना त्रिपुरा-मिजोरम बॉर्डर के नजदीक सिमलुंग इलाके की बतायी जा रही है।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अजगरों को स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा मारकर खाया गया। जिस जगह अजगरों को मारा गया, वो जगह त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 221 किलोमीटर दूर है।

सांपों को काटने और खाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन पर एनीमल राइट एक्टिविस्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले एनजीओ पावसम का दावा है कि जिन अजगरों को मारा गया, वो दुर्लभ प्रजाति के थे।

पावसम के महासचिव ऋग्वेद दत्ता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “दुर्लभ प्रजाति के 6 अजगरों को खाने के लिए काट डाला गया। जंगलों और वन्यजीवों को नष्ट करने की यह प्रक्रिया सालों से चलती आ रही है, लेकिन इसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। हमारी मांग है कि इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।”

चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डीके शर्मा ने बताया कि इस घटना की तस्वीरों से उन्हें इसकी जानकारी हुई। फिलहाल संबंधित फोरेस्ट डिवीजन को इस मामले में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों ने माना कि त्रिपुरा-मिजोरम बॉर्डर पर बीते कई सालों से दुर्लभ जीवों की हत्या की घटनाएं जारी हैं।