सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) की सरकार बन रही है। SKM ने राज्य की कुल 32 में से 31 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं एक सीट पर एसडीएफ ने जीत हासिल की। ये SKM की अब तक की सबसे प्रचंड जीत है। प्रेम सिंह तमांग सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वह 2019 में राज्य के छठे मुख्यमंत्री चुने गए थे।
1994 में प्रेम तमांग चुने गए थे विधायक
प्रेम सिंह तमांग पश्चिम सिक्किम से आते हैं और 1990 के दशक की शुरुआत से राजनीति में सक्रिय हैं। 1993 में प्रेम सिंह तमांग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) में शामिल हुए और 1994 में चाकुंग विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्हें राज्य सरकार में मंत्री भी बनाया गया और 2009 तक वह कैबिनेट मंत्री बने रहे।
2013 में SKM का किया गठन
पवन कुमार चामलिंग की एसडीएफ के साथ कभी राजनीति शुरू करने वाले प्रेम सिंह तमांग करीब 16 सालों तक पार्टी में रहे। इसके बाद उन्होंने बगावत कर दी। 2013 में प्रेम सिंह तमांग ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) का गठन किया और 2019 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा।
2019 में जब एसकेएम ने चुनाव लड़ा तो उसे राज्य की 32 में 17 सीटों पर जीत हासिल हुई और पार्टी को बहुमत भी मिला। इसके बाद प्रेम सिंह तमांग राज्य के मुख्यमंत्री बने। प्रेम सिंह तमांग ने राज्य के 25 साल तक मुख्यमंत्री रहे पवन चामलिंग को हराया था। इससे चामलिंग का 25 साल का शासन भी खत्म हुआ था। 1994 से लगातार पवन कुमार चामलिंग सिक्किम के मुख्यमंत्री बनते आ रहे थे।
बता दें कि प्रेम सिंह तमांग ने बीजेपी के साथ गठबंधन भी किया था लेकिन इस वर्ष चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया। इसके बाद भाजपा ने भी अकेले चुनाव लड़ा और उसे किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी सिक्किम में बीजेपी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी लेकिन बाद में एसडीएफ के आठ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 8 हो गई थी। बीजेपी सिक्किम सरकार में भी थी।
SKM ने तोड़ा था बीजेपी के साथ गठबंधन
बता दें कि प्रेम सिंह तमांग ने बीजेपी के साथ गठबंधन भी किया था लेकिन इस वर्ष चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया। इसके बाद भाजपा ने भी अकेले चुनाव लड़ा और उसे किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी सिक्किम में बीजेपी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी लेकिन बाद में एसडीएफ के आठ विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 8 हो गई थी। बीजेपी सिक्किम सरकार में भी थी।