बीजेपी और आप के सिख नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का एक वीडियो जारी किया है। उनका दावा है कि इस वीडियो में राजीव गांधी 84 दंगों में हुए सिखों के कत्लेआम को सही ठहराते हुए दिख रहे हैं। आप नेता एचएस फुल्का और बीजेपी नेता आरपी सिंह ने राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग भी की है। इन दोनों नेताओं ने गुरुवार को नया संगठन बनाने का ऐलान किया है, जिसका मकसद 84 दंगा पीडि़तों के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ना होगा। इसमें सभी पार्टियों के नेताओं को शामिल किया जाएगा।
क्या है वीडियो में?: फुल्का और आरपी सिंह ने जिस वीडियो को पेश किया है कि उसमें राजीव गांधी बोट क्लब में 19 नवंबर 1984 को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की विशाल रैली संबोधित करते दिख रहे हैं। वीडियो में वह कह रहे हैं, ‘लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है, लेकिन जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती थोड़ी हिलती है।’ सिख नेताओं का दावा है कि राजीव की इस स्पीच का वीडियो DD के आर्काइव से भी डिलीट कर दिया गया था, लेकिन हमने किसी प्रकार से इसको हासिल कर ही लिया। सरदार आरपी सिंह ने उस समय के कांग्रेस पार्टी के कैंपेन की क्लिपिंग भी वितरित की। उन्होंने कहा, ‘1984 में एक विज्ञापन छपा था, जिसमें लिखा था- ‘किसी दूसरे राज्य का आदमी अगर टैक्सी चला रहा हो तो आपको डर क्यों लगता है?’ आरपी सिंह ने आगे कहा कि उस समय ज्यादातर टैक्सी ड्राइवर सिख थे। कांग्रेस ने कम्युनल लाइन पर कैंपेन चलाया था।
दूसरी ओर फुल्का ने राजीव गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 84 दंगों की साजिश रचने वालों को प्रमोशन दिया था। उन्होंने कहा कि जगदीश टाइटलर और एचकेएल भगत का नाम ह्यूमन राइट्स ग्रुप की रिपोर्ट में सामने आया था, लेकिन कार्रवाई करने की जगह राजीव गांधी ने इन्हें कैबिनेट मिनिस्टर बना दिया था। फुल्का ने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में दंगों के केस तक दर्ज नहीं हुए थे। सरकार को दंगों के तीन साल बाद तक यह पता नहीं था कि इसमें कितने लोगों की हत्या हुई। उन्होंने बताया कि सरकार ने दंगों में मारे गए लोगों की संख्या 650 बताई थी, जबकि अकेले दिल्ली राज्य में 2736 सिखों की हत्या की गई थी।
Doing Press Conf 2day with @hsphoolka seeking withdrawal of Bharat Ratan of RajivGandhi at 3pm @ MP club NorthAvenue pic.twitter.com/h0t2Fm38yL
— RP SINGH (@rpsinghkhalsa) November 19, 2015
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