बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (26 जुलाई) को पद से इस्तीफा दे देकर राजद और कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी जदयू का “महागठबंधन” एक झटके में तोड़ लिया। पुराना रिश्ता तोड़ने के कुछ घंटे बाद ही नीतीश ने पुराने साझेदार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से नाता जोड़ लिया। नीतीश कुमार गुरुवार (27 जुलाई) को दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। नीतीश के राजद से दूर जाने और बीजेपी के करीब आने की अटकलें लम्बी समय से लगाई जा रही थीं लेकिन इसके पीछे के कारण अभी तक अस्पष्ट ही हैं। माना जा रहा है कि नए पार्टनर (राजद) के संग सरकार की गाड़ी चलाने में लगातार हो रही खींचतान से आजिज आकर ही नीतीश द्वारा ने पुराने पार्टनर के पास वापस जाने का फैसला किया। हालांकि नीतीश कुमार के इस फैसले से उनकी पार्टी के सासंद अली अनवर ने बगावत कर दी है। जदयू सांसद का कहना है कि नीतीश कुमार अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर बीजेपी के साथ सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरी अंतरात्मा इस बात को नहीं मानती है। अगर मुझे अपनी बात कहने का मौका मिलेगा, तो मैं पार्टी के मंच पर अपनी बात जरूर रखूंगा।
#WATCH: My conscience does not allow me to support #NitishKumar‘s decision of forming Govt with the BJP: JDU MP Ali Anwar to ANI pic.twitter.com/dQiJaPvzKJ
— ANI (@ANI_news) July 27, 2017
Nitish ji ne apni aatma ki awaaz par BJP ke saath jaane ka faisla kiya lekin mera zameer gawara nhi karta:Ali Anwar,JDU pic.twitter.com/y8hsCam3sq
— ANI (@ANI_news) July 27, 2017
Mera zameer isski ijaazat nahi deta ki mai unke iss kadam ka samarthan karu: Ali Anwar,JDU MP on #NitishKumar pic.twitter.com/gjh2YM1thA
— ANI (@ANI_news) July 27, 2017
अली अनवर के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि जेडीयू में कई और लोग खुलकर नीतीश कुमार के विरोध में सामने आ सकते हैं।
Nitish ji ne apni aatma ki awaaz par BJP ke saath jaane ka faisla kiya lekin mera zameer gawara nhi karta:Ali Anwar,JDU pic.twitter.com/y8hsCam3sq
— ANI (@ANI_news) July 27, 2017
राज्यसभा सांसद अली अनवर के बाद अब जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने नीतीश कुमार के फैसले को गलत बताया है। सूत्रों की मानें, तो शरद यादव का कहना है महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने का नीतीश का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे बिहार में गलत संदेश जाएगा। आपको बता दें कि जेडीयू में 5 मुस्लिम विधायक हैं, तो वहीं 11 विधायक यादव समुदाय से हैं।