साल 2017 के गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने नीच इंसान कह दिया था, वो बयान इतना बड़ा ब्लंडर साबित हुआ कि कांग्रेस तमाम सफाई देती रह गई लेकिन फिर भी चुनाव हाथ से फिसल गया। अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का एक बयान वायरल हो गया है। उस बयान में सिद्धारमैया ने नीच शब्द का प्रयोग किया है। अब विवाद ये है कि कांग्रेस का मानना है कि उन्होंने सरकार की नीति को नीच कहा है, जबकि बीजेपी उस शब्द को पीएम मोदी से जोड़ने का काम कर रही है।
सिद्धारमैया ने क्या बोला था?
जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि हमने अपने घाषणा पत्र में ऐसा कभी नहीं कहा कि हम मुफ्त में चावल देंगे। हमने तो ये कहा था कि 36 रुपये किलों में उपलब्ध करवाएंगे। उस समय केंद्र भी देने को तैयार हो गया था। लेकिन बाद में उन्होंने मना कर दिया है। ये कितना नीच हो सकते हैं। ये लोग गरीब विरोधी हैं। इनमें इंसानियत नाम की चीज नहीं। केंद्र ने ही FCI को बोला था, उसके बाद ही वहां से भी मना हो गया।
बीजेपी ने क्या समझा?
अब सिद्धारमैया के इसी बयान को बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बना लिया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे पीएम मोदी से जोड़ने का काम कर दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी क्योंकि गरीब परिवार से आते हैं, कांग्रेस को जलन होती है कि ये पीएम कैसे बन गए। उन्हें लगता है कि ये पीएम कुर्सी तो सिर्फ गांधी परिवार का ही हक है। अब केंद्रीय मंत्री ने तो हमला किया ही, बीजेपी भी पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई। सोशल मीडिया पर तरह तरह के पोस्ट के जरिए कांग्रेस को घेरने का काम किया गया।
कांग्रेस के लिए चुनौती क्यों?
वैसे कांग्रेस अभी इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है, इसी वजह से प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कह दिया है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे छुई मुई क्यों हैं, किसी ने कुछ कह दिया तो सीधे उनका अपमान हो गया। लेकिन बीजेपी ने इन तर्कों को स्वीकार नहीं कर रही है, उसका साफ कहना है कि कर्नाटक में क्योंकि वादे पूरे नहीं हो रहे हैं, ऐसे में निजी हमले करने शुरू कर दिए गए हैं।
अब इस समय जब सनातन विवाद ने विपक्ष को बुरा फंसा दिया है, उस बीच नीच वाले विवाद के जरिए भी बीजेपी फिर खुद को हावी करना चाहती है।