अयोध्या में बन रहे भव्य राममंदिर का काम काफी तेजी से हो रहा है। मंदिर की सुरक्षा और मजबूती को ध्यान में रखते हुए इसमें विशेष तरह के कार्य भी कराये जा रहे हैं। मंदिर भगवान राम का जन्मभूमि है। इसलिए इसको किसी भी तरह के प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए इसमें रिटेनिंग वाल बनाया जा रहा है। यह सुरक्षा दीवार की तरह रहेगा। भव्य मंदिर के उत्तर-दक्षिण और पश्चिम दिशा में वर्गाकार परकोटा बन रहा है। इसका पचास फीसदी काम पूरा भी हो चुका है।

मंदिर के कई किलोमीटर दूर तक का माहौल आध्यात्मिक रहेगा

श्री राम मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों को वहां आस्था और भव्यता का संगम दिखेगा। इसका पूरा ध्यान रखा गया है। मंदिर के कई किलोमीटर दूर तक का माहौल भी आध्यात्मिक रहेगा।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राममंदिर में परकोटे की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। परकोटा सतह से साढ़े चार मीटर ऊपर व राममंदिर के गर्भगृह से 1.9 मीटर नीचे बन रहा है। परकोटे की चौड़ाई 14 फीट होगी जो कि प्रदक्षिणा पथ के रूप में भी उपयोग होगा।

इसमें छह मंदिर बनाए जाने हैं और कुल 90 मूर्तियां कांस्य पर उकेरी जाएंगी। मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों को प्रवेश द्वार पर दो सिंह, दो गज, एक हनुमान जी और एक गरुण की मूर्ति बनाई जाएगी। परकोटे की थीम रामनगरी के संत-धर्माचार्यों और रामकथा के मर्मज्ञ विद्वानों की राय से तैयार कराई जा रही है।

Shri Ram Janmabhoomi Mandir | Ayodhya | Temple under-construction |
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में खुदाई के दौरान कई मूर्तियों और स्तंभों सहित एक प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले। (पीटीआई फोटो)

वर्गाकार परकोटे की लंबाई करीब 800 मीटर है। इसका निर्माण रिटेनिंग वॉल से तीन मीटर अंदर व मंदिर से 25 मीटर दूर कराया जा रहा है। परकोटे का निर्माण वंशीपहाड़पुर के लाल पत्थरों से हो रहा है, बनने के बाद परकोटा मंदिर परिसर का आकर्षण बढ़ाने के साथ सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएगा।

अनिल मिश्रा के मुताबिक मंदिर की परिधि के चारों ओर 800 मीटर लंबी दीवार का निर्माण किया जा रहा है। इससे परिक्रमा के दौरान भक्तों के बीच किसी भी तरह के टकराव को रोकने के लिए मंदिर के पूर्व में लंबी सुरंग मार्ग का निर्माण कराया गया है।