कोरोना माहमारी का असर हमारे त्योहारों और हमारे धार्मिक क्रिया-कलापों पर भी पड़ा है। इसी का असर है कि इस जन्माष्टमी गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में सालों से चली आ रही एक परंपरा टूट जाएगी। दरअसल इस साल गोरखनाथ मंदिर में कोरोना के प्रकोप के चलते बाल सज्जा प्रतियोगिता नहीं होगी। इसके साथ ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखा जाएगा।
बता दें कि गोरखनाथ मंदिर में हर साल जन्माष्टमी के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसमें सबसे अह बच्चों के कार्यक्रम होते हैं, जिसमें बच्चे राधा और कृष्ण का रूप धारण करके मंदिर आते हैं और गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। लेकिन इस साल यह कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। गोरखनाथ मंदिर में जन्माष्टमी पर हरिकीर्तन का कार्यक्रम होगा। इसके बाद शाम 7 बजे से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें भोजपुरी गायक राकेश श्रीवास्तव अपने साथियों के साथ कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
कोरोना माहमारी का असर इतना है कि मूर्तियों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। बता दें कि कई जगह भगवान कृष्ण की मास्क लगाए और पीपीई किट पहने प्रतिमाएं बाजार में उपलब्ध हैं। लोगों को कोरोना के खिलाफ जागरुक करने के उद्देश्य से ऐसी मूर्तियां तैयार की गई हैं। ये मूर्तियां लोगों को काफी आकर्षित भी कर रही हैं। लोगों का कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए लोगों को संदेश देने का इससे अच्छा माध्यम नहीं हो सकता।
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का अभिन्न अंग रहा दही हांडी कार्यक्रम भी इस बार आयोजित नहीं किया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस साल लोगों ने दही हांडी कार्यक्रम से दूरी बनायी है। इसके अलावा जुलूस आदि पर भी रोक रहेगी। सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए मंदिरों में ज्यादा लोगों को एंट्री नहीं दी जाएगी।
बता दें कि कोरोना के चलते इस साल जन्माष्टमी की धूम कम रहेगी। लोग अपने घरों में ही पूजा पाठ करेंगे। इस साल जन्माष्टमी के मौके पर मंदिरों में होने वाले कई कार्यक्रम नहीं होंगे।