हरियाणा में हिसार जिले के बरवाला में स्वयंभू गुरु रामपाल के आश्रम में आज हिंसक झड़पों में सुरक्षाकर्मियों और मीडियाकर्मियों सहित 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस ने रामपाल के समर्थकों को तितर बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े जबकि समर्थकों ने भी कथित रूप से गोलीबारी की।
रामपाल समर्थकों से पुलिस ने बार-बार माइक पर आश्रम में घुसने और स्वयंभू संत को गिरफ्तार करने देने को कहा लेकिन समर्थकों ने ऐसा नहीं होने दिया जिसके बाद तनाव बढ़ गया।
पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की पूरी कार्रवाई को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस एन वशिष्ठ ने बहुत मुश्किल करार दिया क्योंकि आश्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं।
पुलिस ने कहा कि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गये हैं। इनमें रामपाल के समर्थक, मीडियाकर्मी और सुरक्षाकर्मी भी हैं। इनमें से कुछ को हिसार, बरवाला, अग्रोहा तथा उकलाना के अनेक अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों ने लंबे चौड़े परिसर में फैले आश्रम की 50 फुट ऊंची चारदीवारी की तीसरी दीवार को तोड़ने की कोशिश की तो उधर आश्रम के भीतर कुछ उपद्रवियों ने एक जेसीबी मशीन में आग लगा दी।
शाम होते होते अधिकारियों ने अभियान को कुछ देर रोकते हुए रामपाल के अनुयायियों को आश्रम से बाहर आने की मोहलत दी ताकि पुलिस अदालत के आदेश का पालन करते हुए रामपाल को गिरफ्तार कर सके।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कल स्वयंभू संत के खिलाफ ताजा गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद से सुरक्षाकर्मी आश्रम में घुसने और रामपाल को गिरफ्तार करने के लिए कोशिश कर रहे हैं।
रामपाल के आश्रम में होने को लेकर विरोधाभासी खबरें हैं। आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा था कि रामपाल ठीक नहीं हैं और किसी अज्ञात जगह पर उनका इलाज चल रहा है। हालांकि चंडीगढ़ में डीजीपी वशिष्ठ ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार रामपाल अब भी आश्रम में ही हैं।
हिंसा तब हुई जब हरियाणा सरकार अदालती अवमानना मामले में रामपाल की पेशी के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दी गई शुक्रवार तक की समयसीमा के मद्देनजर अदालत के आदेश के पालन की कोशिश कर रही है।
मीडियाकर्मियों को भी हिंसा का सामना करना पड़ा। कई मीडियाकर्मी घायल हो गए और अनेक निजी टीवी चैनलों के कैमरे तोड़ दिए गए। एक घायल संवाददाता ने कहा कि अभियान को कवर कर रहे कुछ मीडियाकर्मियों का पुलिस ने अचानक पीछा किया और उन पर हमला कर दिया, जबकि वे अपनी
जिम्मेदारी निभा रहे थे और आश्रम से सुरक्षित दूरी पर थे।
पुलिस ने कहा कि हिंसा में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिनमें गंभीर रूप से घायल हुए एएसआई रवींद्र भी हैं।
डीजीपी वशिष्ठ ने कहा कि आश्रम के भीतर से पुलिस पर गोलीबारी हुई। आश्रम के अंदर लोगों के पास पिस्तौल, रिवॉल्वर तथा अन्य हथियार हैं। उन्होंने कहा कि दो पुलिसकर्मियों को गोली लगी है जिससे वे जख्मी हो गये।
मीडियाकर्मियों के चोटिल होने के बारे में पूछे जाने पर वशिष्ठ ने कहा, ‘‘सुबह मुझे फोन आए थे कि उन्हें (मीडिया कर्मियों) कार्रवाई वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। वहां 86 रिपोर्टर थे और मैंने उनमें से प्रत्येक को अनुमति दी।’’
डीजीपी ने कहा, ‘‘मेरे संज्ञान में लाया गया है कि अफरातफरी या पथराव में कुछ मीडियाकर्मी घायल हुए हैं…एक को मैंने समाचार में देखा कि उसे पुलिस ने पीटा है। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि मामले की जांच कराई जाएगी।’’
वशिष्ठ ने कहा, ‘‘सभी को समझना चाहिए कि हम आश्रम में काफी विरोध का सामना कर रहे हैं। हम जानते हैं कि आश्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं और महज एक साल तक के बच्चे भी हैं। हमारी प्राथमिकता बेगुनाह लोगों को बचाना है।’’
डीजीपी ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करने के लिए और साथ ही कम से कम बल का इस्तेमाल करने तथा लोगों के हताहत होने से बचने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं और उन्हें लगातार जानकारी दी जा रही है। पुलिस ने बताया कि आश्रम के भीतर से उनपर पथराव किया जा रहा है। रामपाल के अनेक अनुयायी और उनकी ‘निजी सेना’ आश्रम की छत पर तैनात है।
आश्रम को खाली कराने के लिए जब पुलिस ने व्यापक अभियान शुरू किया तो रामपाल के अनेक अनुयायियों ने बलों पर ‘पेट्रोल बम’ फेंके।
आश्रम से बाहर निकाले गए अनुयायियों को वहां पहले से तैयार रखे गए पुलिस वाहनों और अन्य वाहनों में ले जाया गया तथा उनके गंतव्यों पर भेजा गया।
रामपाल (63) को कल उच्च न्यायालय में पेश होना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनके वकील ने उन्हें ‘‘बीमार’’ बताया। उच्च न्यायालय ने तब रामपाल के खिलाफ नए सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया और अधिकारियों से उन्हें शुक्रवार तक पेश करने को कहा।
आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा था कि ‘‘संत रामपाल कानून से नहीं भाग रहे हैं। हम पहले ही कह चुके हैं कि वह स्वास्थ्य ठीक होते ही खुद अदालत के समक्ष पेश होंगे। लेकिन अधिकारी उन्हें पकड़ने के लिए बल का इस्तेमाल नहीं कर सकते।’’
कपूर ने इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि रामपाल अदालत के समक्ष आत्म समर्पण क्यों नहीं कर रहे हैं।
रामपाल स्वास्थ्य संबंधी समस्या बताकर तीन बार पांच नवंबर, 10 नवंबर और 17 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए।
आज सुबह आश्रम से बाहर निकलने में सफल रहे कुछ अनुयायियों ने कहा कि परिसर के भीतर ‘‘हजारों’’ लोग हैं और ज्यादातर तत्काल बाहर आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रामपाल के लाठीधारी समर्थक बाहर नहीं आने दे रहे।
उन्होंने दावा किया कि यहां सतलोक आश्रम में अब भी मौजूद लोगों में बड़ी संख्या महिलाओं और बच्चों की है।
उत्तर प्रदेश निवासी और अपना नाम कुसुम बताने वाली 40 वर्षीय एक महिला अनुयायी ने बताया कि वह आज किसी तरह आश्रम से बाहर निकलने में सफल रही। उसने कहा, ‘‘मैं बाहर निकल आई। अब भी अनेक लोग भीतर हैं।’’
आश्रम से बाहर आए हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले एक युवा अनुयायी ने कहा, ‘‘मुझे अंदर रोक दिया गया। बाबा के दूसरे राज्यों के कुछ समर्थकों ने हमसे अंदर रुके रहने को कहा…।’’
उसने कहा कि रामपाल को अदालत के समक्ष तत्काल समर्पण कर देना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए।