देश के सबसे बड़े और चर्चित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ने देश द्रोह का आरोप झेल रहे पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत 20 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन छात्रों से पिछले महीने वाइस चांसलर और अन्य अधिकारियों को अवैध तरीके से 20 घंटे से ज्यादा समय तक प्रशासनिक भवन में बंधक बनाए रखने के मामले में जवाब मांगा है।
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत 20 छात्रों को नोटिस भेजा गया है। नोटिस में उनसे प्रॉक्टोरियल कमिटी के सामने सफाई पेश करने को कहा गया है कि उनलोगों ने क्यों विश्वविद्यालय अधिकारियों को अवैध तरीके से दफ्तर में बंद किया था?” उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला अहमद एक रात पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों से परिसर में कथित झगड़े के बाद 15 अक्तूबर को लापता हो गया था। वह जेएनयू के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेन्ट का स्टूडेन्ट है।
गौरतलब है कि 27 वर्षीय छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर समेत कई अधिकारियों को पिछले महीने 19 अक्टूबर को एडिमन ब्लॉक में ही बंधक बना लिया था। उन्हें कार्यालय से बाहर आने नहीं दिया था। जब वीसी ने बाहर निकलने की कोशिश की थी तब छात्रों ने उनके साथ धक्कामुक्की की थी।
नजीब अहमद की सकुशल बरामदगी के लिए उसकी मां ने कल (शुक्रवार को) दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में फातिमा नफीस ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि दिल्ली पुलिस और सरकार को ऐसे निर्देश दिए जाएं कि वह उनके बेटे को कोर्ट के सामने पेश करे।
