एक डिओड्रेंट के विज्ञापन पर हंगामा मचा हुआ है। इस विज्ञापन को रेप से जोड़कर देखा जा रहा है। विवादों के बाद सरकार ने इस विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। वहीं दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन स्वाति मालिवाल ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को बकायदा पत्र भी लिखा है।

क्या है मामला- शॉट नाम के परफ्यूम के दो विज्ञापनों को लेकर विवाद है। इन विज्ञापनों के बारे में कहा जा रहा है कि ये रेप को बढ़ावा देने वाले हैं। विज्ञापन में चार लड़के और एक लड़की है। संवाद ऐसा है कि जिसे सुनकर लड़की किसी अनहोनी के डर से डरी दिखती है, बाद के डायलॉग से पता चलता है कि लड़के, लड़की के बारे में नहीं बल्कि डिओड्रेंट के बारे में बात कर रहे हैं। अब इसी विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा है। लोग इसे घृणित बताते हुए कंपनी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

स्वाति मालीवाल ने क्या कहा- इस विज्ञापन के खिलाफ आवाज उठाने वालों में से एक स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह रेप को बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने इसके खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। कंपनी पर केस दर्ज करने की भी मांग की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बलात्कार संस्कृति को बढ़ावा देने वाले ऐसे “गंदे” विज्ञापन फिर कभी नहीं बनाए जाएं। इसके लिए एक मजबूत सिस्टम बनाया जाए।

सरकार की कार्रवाई- विवादों और शिकायतों के बाद केंद्र सरकार ने इस विज्ञापन को हटाने के आदेश दिए हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने विवादास्पद विज्ञापन को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही इस मामले को लेकर जांच भी की जा रही है। मंत्रालय ने ट्विटर और यूट्यूब से इस विज्ञापन को हटाने के भी आदेश दिए हैं।

मंत्रालय ने कहा कि विज्ञापन सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के नियम 3(1)(बी)(ii) का उल्लंघन करता है।