बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पटना स्थित आवास पर आम जनता से मिलने के लिए आयोजित ‘जनता दरबार’ के दौरान आज एक युवक ने उन पर जूता फेंक दिया। युवक का यद्यपि निशाना चूक गया क्योंकि जूता मुख्यमंत्री के पास गिरा। युवक की पहचान छपरा जिला निवासी अमृतोष कुमार के रूप में हुई है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब सुरक्षा कर्मियों ने कुमार को पकड़ा उसने जूता फेंक दिया। उसके बाद युवक को हॉल से बाहर ले जाया गया। उन्होंने बताया कि कुमार ने पंक्ति तोड़ दी और चिल्लाकर आरोप लगाया कि राज्य सरकार जाति के आधार पर समाज को बांट रही है। कुमार ने दावा किया कि वह मुख्यमंत्री से यह शिकायत करने आया था कि पुलिस ने उसे एक झूठे मामले में फंसाया है।

मौके पर मौजूद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने कहा कि युवक को हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ के लिए उसे सचिवालय पुलिस थाने ले जाया जा रहा है। एसएसपी ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के लिए युवक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।

मांझी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि पंक्ति में पांच या छह व्यक्तियों के पीछे खड़ा एक स्नात्तकोत्तर छात्र मुख्यमंत्री से अपनी समस्या के बारे में बात करने के लिए समय आने से पहले ही क्रोधित हो गया और तमाशा खड़ा कर दिया। मांझी ने कहा, ‘‘घटना की जांच जारी है।’’

कुमार के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि राज्य सरकार जाति के आधार पर समाज को बांट रही है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं केवल गरीबों की बात करता हूं जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़े वर्गों, अन्य पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यकों और अगड़ी जातियों से भी आते हैं और उनके कल्याण पर जोर देता हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि इस घटना का कोई राजनीतिक संबंध है, मांझी ने कहा कि उन्हें विस्तृत जानकारी नहीं है और इसके बारे में पता जांच के बाद ही चलेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह घटना सुरक्षा कमियों की ओर से उंगली उठाती है, पटना के एसएसपी ने कहा, ‘‘पुलिस लोगों को कार्यक्रमों में जूते पहनकर आने से कैसे रोक सकती है? ऐसी घटनाएं अचानक होती हैं।’’

जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे ऐसे ही एक कार्यक्रम में एक महिला ने अपनी कलाई की नस काट ली थी। उस घटना के बाद मुख्यमंत्री आवास में आयोजित होने वाले इस साप्ताहिक कार्यक्रम में जाने से पहले तलाशी कड़ी कर दी गई थी।