Shimla Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद में कथित अवैध निर्माण पर हिंदू संगठन लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं। इस मसले पर शिमला में दो बार प्रदर्शन हो चुका है। हिंदू संगठन लगातार सवाल उठाए रहे हैं कि संजौली में कैसे खुले आम ये अवैध निर्माण हुआ। सवाल उठाने वालों में बीजेपी के नेता भी शामिल हैं।
अब हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री और कांग्रेस पार्टी के नेता अनिरुद्ध सिंह ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने गुरुवार को दावा किया कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान संजौली मस्जिद के एक हिस्से के निर्माण के लिए दो लाख रुपये दिए थे और बीजेपी अब राज्य में शांति भंग करने की कोशिश कर रही है।
हालांकि जयराम ठाकुर की तरफ से इन आरोपों को निराधार बताया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्री अपनी विफलता छिपाने के लिए “झूठ” बोल रहे हैं और कांग्रेस आलाकमान के दबाव में अपना बयान बदल रहे हैं।
‘मस्जिद गिराने की मांग करने वालों में बीजेपी के लोग भी’
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के साथ शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध ने कहा कि मस्जिद का एक हिस्सा कोविड के समय में बनाया गया था, तब बीजेपी सत्ता में थी और यहां तक कि शिमला नगर निगम के महापौर भी इसी पार्टी से थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को मस्जिद गिराए जाने की मांग को लेकर आयोजित विरोध-प्रदर्शन में बीजेपी के कुछ लोग और असामाजिक तत्व मौजूद थे।
मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि पुलिस पर भी पथराव किया गया, जिसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिसके बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। अनिरुद्ध सिंह ने कहा, “यह किसी धर्म का मामला नहीं है, यह अनधिकृत निर्माण का मामला है। कानून अपना काम करेगा लेकिन कुछ लोग इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने और लोगों में भय पैदा करके शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
अनिरुद्ध सिंह के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री को उन्हें (अनिरुद्ध) मंत्रिमंडल से हटाने का निर्देश दिया है और अब मंत्री “नुकसान की भरपाई” करने का प्रयास कर रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि संजौली में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद लोग गुस्से में हैं। (इनपुट – भाषा)