महाराष्ट्र में शिवसेना की इस समय जमकर फजीहत हुई है, पार्टी में जब से एक हिस्ट्रीशीटर को शामिल किया गया और फिर तीन दिन में सस्पेंड भी कर दिया, इस पूरे प्रकरण ने शिंदे गुट की शिवसेना को सियासी निशाने पर ला दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मामले की गंभीरता को समझते हैं, ऐसे में इस पूरी घटना से वे खुद खासा नाराज हैं।
क्या है ये पूरा विवाद?
असल में तीन दिन पहले प्रशांत दिघे को शिवसेना में शामिल किया गया था। लेकिन शामिल करने के बाद पता चला कि प्रशांत पर एक नहीं कई क्रिमिनल केस हैं, वो एक हिस्ट्रीशीटर भी है। ऐसे में पार्टी ने तत्काल प्रभाव से उसे सस्पेंड कर दिया। इस बारे में शिवसेना के जिला अध्यक्ष बालासाहेब वालहेकर कहते हैं कि जब हमे प्रशांत के ऊपर दर्ज क्रिमिनल केस के बारे में पता चला, हमने उसे पार्टी से सस्पेंड कर दिया। पहले हमे उसके ऊपर दर्ज केस की कोई जानकारी नहीं थी। हमारे पार्टी कार्यकर्ता उसे मेरे पास लेकर आए थे।लेकिन उसे पार्टी में शामिल करने के बाद पता चला कि उस पर कई केस हैं। इसी वजह से अब हमने उस पर एक्शन लिया है।
किसने दिलवाई थी सदस्यता?
वैसे बड़ी बात ये रही कि तीन दिन पहले सांसद श्रीरंग बरने ने ही प्रशांत को पार्टी की सदस्यता दिलवाई, दोनों की सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी काफी वायरल हुई। लेकिन अब जब प्रशांत को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है, सांसद के सुर बदल गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा है कि पार्टी में किसी भी हिस्ट्रीशीटर को शामिल करने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
यहां तक कहा गया है कि कुछ अति उत्साहित कार्यकर्ताओं ने उसे पार्टी की सदस्यता दिलवा दी। अभी के लिए इस पूरी घटना से सीएम एकनाथ शिदे नाराज बताए जा रहे हैं, जिस तरह से इस प्रकरण की वजह से पार्टी को लगातार सफाई देनी पड़ रही है, ये बात उन्हें रास नहीं आई है।