मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस समय हर तरह की लाइमलाइट से दूर चल रहे हैं। वे अभी भी राज्य का दौरा कर रहे हैं, अपनी जनता के बीच प्रचार कर रहे हैं, लेकिन सियासी गलियारों में उनकी चर्चा पहले जैसी नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि शिवराज अब राज्य के मुख्यमंत्री नहीं है, उनकी जगह मोहन यादव की ताजपोशी हो चुकी है। अब इस बीच शाहगंज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान भावुक हो गए।
उनकी तरफ से कहा गया कि नई सरकार पुरानी हर योजना को लागू रखने वाली है। कुछ तो बड़े उद्देश्य रहे होंगे, इसी वजह से जब राजतिलक का समय आया, एक को वनवास मिला। लेकिन ये सब कोई ना कोई उद्देश्य पूरा करने के लिए होता है। अब पूर्व सीएम के इस बयान की चर्चा हर तरफ हो रही है। माना जा रहा है कि वे कहीं ना कहीं सीएम ना बनाए जाने से नाखुश हैं। इससे पहले भी एक बयान में उन्होंने कहा था कि खुद के लिए कुछ मांगने से अच्छा है कि मृत्यु मिल जाए। उस बयान को भी तल्ख माना गया था और अब शाहगंज में की गई ये टिप्पणी भी अलग ही दिखाई पड़ती है।
वैसे शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर अपनी जनता के सामने साफ कर दिया है कि एमपी छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं। वे यहीं पर जीएंगे भी और यहीं पर अंतिम सांस भी लेंगे। इस बारे में उन्होंने कहा कि मैं कहीं नहीं जाने वाला हूं। लाडली बहना से लेकर घर देने वाली योजना तक, सबकुछ वर्तमान सरकार द्वारा जरूर पूरा किया जाएगा। ये बयान शिवराज सिंह चौहान ने इसलिए दिया क्योंकि कुछ महिलाओं ने भावुक अपील करते हुए कहा था कि आप हमे छोड़कर कहीं ना जाएं।
मध्य प्रदेश के इस बार के चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने दो तिहाई से भी बड़ा जनादेश हासिल किया था। पार्टी के खाते में 163 सीटें गईं और कांग्रेस ने शर्मानक प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 66 सीटें हासिल कीं। उस जीत के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की गारंटी के साथ-साथ शिवराज सिंह चौहान की लाडली योजना को भी श्रेय दिया गया। उस चुनाव में महिला वोटरों ने बढ़-चढ़कर बीजेपी को वोट किया और इस अप्रत्याशित जीत में अपनी भूमिका निभाई। लेकिन बीजेपी उस नतीजों के बावजूद भी सभी को चौकाते हुए एक नए चेहरे मोहन यादव पर दांव चला जो अभी राज्य की कमान संभाल रहे हैं।