शिवसेना और भाजपा के बीच चल रही खींचतान पोस्‍टर वॉर तक पहुंच गई है। शिवसेना ने मुंबई में अपने मुख्‍यालय के बाहर एक बड़ा पोस्‍टर लगाया है। इसमें नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और कई दूसरे भाजपा नेताओं को शिवसेना के संस्‍थापक बाल ठाकरे के आगे हाथ जोड़े दिखाया गया है।

पोस्‍टर में यह भी लिखा है, ‘जो लोग बन रहे हैं और दूसरों को छल रहे हैं, उन्‍हें वह दिन नहीं भूलना चाहिए जब वे बाला साहेब के आगे हाथ जोड़े रहते थे।’ माना जा रहा है कि शिवसेना ने भाजपा नेताओं को अपमानित करने के लिए यह पोस्‍टर लगाया है।

लेकिन, शिवेसना के राजेंद्र राउत ने कहा कि हमने यह पोस्‍टर अपने पुराने दिनों को याद करने के लिए लगाया है, किसी नेता को अपमानित करने के लिए नहीं।

उधर, भाजपा नेता गिरीश व्‍यास ने कहा कि अगर शिवसेना सोचती है कि हम उद्धव या आदित्‍य ठाकरे के साथ बाल ठाकरे की तरह ही पेश आएंगे तो यह उनकी गलतफहमी है।

राजेंद्र राउत ने कहा कि आज हर कोई शिवसेना पर निशाना साध रहा है। शिवसैनिक किसी से गठबंधन रखने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि, यह फैसला नेतृत्‍व को करना है।

हाल के दिनों में कई मौकों पर शिवसेना और भाजपा का मतभेद सार्वजनिक हुआ है। महाराष्‍ट्र में बीफ बैन का मुद्दा हो या पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ की बीसीसीआई प्रमुख से मुलाकात का विरोध या फिर सुधींद्र कुलकर्णी पर स्‍याही फेंके जाने का मामला, हर वक्‍त दोनों पार्टियों की टकरार सार्वजनिक हुई है।

केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को तोड़फोड़ के बजाय मुद्दों पर सभ्‍य तरीके से बातचीत करने और सहिष्‍णुता बरतने की नसीहत दी तो बुधवार को शिवसेना ने इसका भी जवाब यह कह कर दिया कि बल्‍लभगढ़ में जो हुआ वह कहां की सहनशीलता है। बता दें कि भाजपा शासित हरियाणा के बल्‍लभगढ़ में एक परिवार के दो बच्‍चों को मंगलवार को गांव के ही दबंगों ने जिंदा जला दिया था।