सरकार को उम्मीद है कि गंगा में वाराणसी से हल्दिया के बीच इस साल के अंत तक 1,000 टन भार वहन क्षमता के जहाजों का वस्तु एवं यात्री परिवहन के लिए परिचालन शुरू हो जाएगा। जल मार्ग विकास परियोजना के तहत 1,620 किलोमीटर के राष्ट्रीय जलमार्ग-एक परियोजना के तहत तीन मीटर की जरूरी गहराई वाले जहाज के लिये रास्ता तैयार किया जायेगा ताकि 2,000 टन की भार वहन क्षमता का सुरक्षित नौवहन हो सके।

एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के लिए काम शुरू हो चुका है और हमें उम्मीद है कि 1,000 टन की भार वहन क्षमता का जहाज जल मार्ग विकास परियोजना के तहत वाराणसी-हल्दिया मार्ग पर इस साल से चलने लगेगा। जल मार्ग विकास परियोजना के तहत 4,200 करोड़ रुपए की लागत से इलाहाबाद और हल्दिया के 1,620 किलोमीटर नदी मार्ग को जलयान मार्ग के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई है।

अधिकारी ने कहा कि जहाजों का परिचालन शुरू होने पर जल मार्ग से माल वहन को प्रोत्साहन मिलेगा जो पर्यावरण अनुकूल है, र्इंधन की खपत कम होती है और परिवहन का यह सस्ता माध्यम है। विश्व बैंक इस परियोजना के लिए सहायता प्रदान कर रहा है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इलाहाबाद और हल्दिया के बीच गंगा पर ‘जलमार्ग विकास’ परियोजना की घोषणा की थी। इलाहाबाद और हल्दिया के बीच 1,620 किलोमीटर का यह जलमार्ग 4,200 करोड़ रच्च्पए की लागत से छह साल में पूरा किया जाना है। इस परियोजना के जरिए 2,000 टन भार क्षमता वाले जहाजों का वाणिज्यिक परिचालन हो सकेगा।