हिमाचल प्रदेश के शिमला में मस्जिद निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन के बीच लोकल मुस्लिम वेलफेयर कमेटी का एक ज्ञापन काफी चर्चा में है। बुधवार को संजौली में हुए विरोध प्रदर्शन के हिंसा में बदल जाने के बाद छह पुलिसकर्मियों सहित 10 लोग के घायल हो गए थे। अब इस मामले पर मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के पदाधिकारियों ने निगम आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा है।  जिसमें मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को सील करने का आग्रह किया गया है और मामले पर अदालत का फैसला आने के बाद इसे गिराने की पेशकश की गई है।

यह स्वागत योग्य कदम : नगर निगम आयुक्त

शिमला के नगर आयुक्त भूपेंद्र कुमार अत्री ने कहा कि मामले में एक पक्ष की ओर से आया यह एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा, “फिलहाल केस कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन इस दौरान कोई पक्ष एक हिस्से का उपयोग नहीं करने को तैयार है और इसे सील करने की पेशकश कर रहा है  तो अधिकारी कोर्ट के फैसले तक इस पर कार्रवाई कर सकते हैं, मैं ज्ञापन पर गौर कर रहा हूं।”

आज भी संजौली में प्रदर्शन जारी रहा, शिमला व्यापार मंडल ने बंद का आह्वान किया था और दुकानदारों से दोपहर तक अपनी दुकानें बंद रखने का आग्रह किया था।

मुस्लिम कमेटी की ओर से क्या कहा गया?

ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी ने कहा, “हमने शिमला में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए संजौली में स्थित मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने के लिए शिमला नगर आयुक्त से अनुमति मांगी है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या यह फैसला दबाव में लिया गया है, उन्होंने कहा, “हम पर कोई दबाव नहीं है। हम दशकों से यहां रह रहे हैं। हमारा फैसला प्रदेश में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए है।” ज्ञापन सौंपने वाली कमेटी में मस्जिद के इमाम, वक्फ बोर्ड के सदस्य और मस्जिद कमेटी शामिल है।