उत्तर प्रदेश में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सुन्नियों पर जमीन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रिजवी का कहना है कि सुन्नी समुदाय शिया वक्फ बोर्ड की जमीन का दुरुपयोग कर रहा है और इसके चलते जमीन इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा, ‘हमें यह पता चला है कि शिया वक्फ बोर्ड की जमीन का दुरुपयोग किया जा रहा है, इसलिए हमने सुन्नियों को किराए पर दी गई जमीनों के सारे कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने का फैसला किया है। इसके साथ ही हमने नोटिस जारी भी कर दिया है।’
शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस में सुन्नियों के ऊपर यह आरोप लगाया गया है कि वह शिया मुसलमानों की आस्था का सम्मान नहीं करते हैं। नोटिस में कहा गया है, ‘शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन समस्त शिया वक्फ सम्पत्तियों पर काबिज ऐसे सुन्नी मुसलमान जो शिया मुसलमानों की आस्था का सम्मान नहीं करते और अहलेबैत अलैहिस्सलाम का आदर व सम्मान नहीं करते तथा भारत के संविधान को न मानकर हिंदुस्तान में बिना कारण जिहाद में आस्था रखते हैं, जिनकी गतिविधियों के कारण देश में आपसी भाईचारे को खतरा पैदा हो गया है व धार्मिक उन्माद उत्पन्न हो रहा है, जो राष्ट्र के लिए खतरा है। ऐसे सुन्नी मुसलमानों से शिया वक्फ सम्पत्ति के खुर्द-बुर्द का खतरा पैदा हो गया है।’ बोर्ड ने कहा कि वक्फ संपत्ति की सुरक्षा के लिए सभी कट्टरपंथी सुन्नी मुसलमानों की किरायदारी तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाती है।
It has come to our notice that Sunni community has been misusing the land of Shia Waqf Board, as a result we have decided to terminate all contracts of rent with Sunnis & have also issued a notice to not allow any Sunni to use the Waqf Board's land: Waseem Rizvi, Shia Waqf Board pic.twitter.com/p9wAeuB9eW
— ANI UP (@ANINewsUP) June 11, 2018
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच विवाद की यह कोई पहली खबर नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के बहुत से मामले सामने आ चुके हैं। ताजा प्रकरण अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण के मुद्दे की वजह से सामने आया है। सुन्नी जहां अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध कर रहे हैं तो वहीं शिया इसका समर्थन करते हैं। वसीम रिजवी ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की जरूरत बताई है।