बांग्लादेश में हालात अभी भी बेकाबू ही चल रहे हैं, शेख हसीना को तो देश छोड़ दो दिन से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन स्थिति सामान्य होती नहीं दिख रही। अभी भी शेख हसीना गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर ही हैं, एक सेफहाउस में उन्हें सुरक्षित रखा गया है। लेकिन जो खबरें अब सामने आ रही हैं उनके मुताबिक शेख हसीना की हालत ठीक नहीं है। उनके पास पर्याप्त पैसे तक नहीं बचे हैं।

हसीना के साथ यह क्या हुआ!

असल में इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक जब शेख हसीना भारत पहुंची थीं, उनके पास जरूरी सामान नहीं था। उन्हें अपने लिए और अपनी बहन के लिए कुछ कपड़े भी खरीदने थे। इस वजह से हिंडन एयरबेस पर ही जो शॉपिंग कॉम्पलेक्स है, वहां पर उन्होंने कुछ खरीदारी की। हैरानी की बात यह रही कि बिल 30 हजार का आया और शेख हसीना के पास पैसे कम पड़ गए। असल में हसीना के पास इंडियन करेंसी में ज्यादा पैसा नहीं था, इसी वजह से बाकी रुपये उन्हें बांग्लादेशी मुद्रा में चुकाने पड़े।

अफगानिस्तान के तालिबान और बांग्लादेश के उपद्रवी में कोई अंतर नहीं

क्यों बने ऐसे हालात?

अब हुआ यह है कि शेख हसीना जिस समय बांग्लादेश छोड़ रही थीं, उनके पास काफी कम टाइम था। सेना ने उन्हें सिर्फ 45 मिनट दिए थे देश छोड़ने के लिए, इसी वजह से कोई भी जरूरी सामान पूर्व प्रधानमंत्री अपने साथ नहीं ले जा सकीं। वैसे इस समय शेख हसीना अकेले भारत नहीं आई हैं, उनका सपोर्ट स्टाफ साथ में है। अभी के लिए हसीना कुछ दिन और भारत में ही रह सकती हैं। उनकी कोशिश जरूर है कि वे ब्रिटेन चली जाएं, लेकिन वहां के रास्ते अभी तो खुलते नहीं दिख रहे।

बांग्लादेश में क्या हो रहा?

जानकारी के लिए बता दें कि बांग्लादेश में हिंसा का कारण आरक्षण है। असल में 1971 के संघर्ष के दौरान जिन जवानों ने अपनी जान दी थी, उनके परिवार वालों को नौकरी में आरक्षण देने की बात हुई थी। बांग्लादेश का युवा इसी बात से नाराज हुआ और उसने सड़कों पर उतरने का फैसला किया। माना तो यह भी जा रहा है कि यह आंदोलन कहने को छात्रों ने शुरू किया, लेकिन अब इसे जमाती ए इस्लाम और दूसरे कट्टरपंथी संगठनों ने टेकओवर कर लिया है। इसी वजह से उपद्रव ज्यादा बढ़ा है।