जेएनयू की पूर्व छात्रा शहला रशीद और उनके पिता अब्दुल रशीद के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। अब शहला ने आरोप लगाया है कि उनके पति बचपन से उनके साथ मारपीट करते रहे। उन्होंने कहा, ‘वे हमें गाली देते थे। घर से निकाल देते थे। इन्हें यह तक नहीं पता कि हमारी फीस कितनी पड़ती थी। ये हमारे बारे में कुछ नहीं जानते सिर्फ परेशान करना जानते हैं। हमारी मां ने अलग मकान बनाया था लेकिन इनकी नजर उनके पैसों पर रहती थी। ये लालची किस्म के इंसान हैं। इनको कहिए कि कोर्ट में जाएं।’

बता दें कि शहला के पिता ने आरोप लगाया है कि उन्हें अवैध रुप सें फंडिंग मिलती है और वह देश विरोधी कामों में संलिप्त हैं। इसके बाद शहला भी खुलकर सामने आईं और उन्होंने पिता पर भ्रष्ट होने के आरोप लगा दिया। शहला ने यह भी कहा कि मारपीट से तंग आकर उनकी मां ने फैमिली कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई है। अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करती हुई शहला ने कहा कि उनके पिता को बच्चों की फीस के भी बारे में पता नहीं है और वह मां और बहन दोनों को परेशान करते हैं।

शहला के पिता ने कहा, ‘पहले क्लियर हो जाए कि कश्मीर पॉलिटिक्स में क्यों आ गई? मैं अगर गलत बात कह रहा हूं तो उसकी जांच करिए। कोर्ट से डायरेक्शन के बाद मैं एसएचओ के पास गया। मुझे और इनको बॉन्ड देना था कि एक दूसरे के साथ इंटरफेयर नहीं करेगा। मैंने बॉन्ड दे दिया। मैंने एसएचओ से कहा कि घर ले चलो लेकिन ये लोग तैयार नहीं हुए। बाद में पता चला इसकी मौसी की मौत हो गई थी। वही मौसी जो बम ब्लास्ट में घायल हो गई थी औऱ खून देने वाला मैं पहला इंसान हूं।’

अब्दुल ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा कि पैसे ले जाओ शहला के लिए रखे हुए हैं। मैंने 32 साल वाइट कॉलर जॉब की है। मैंने मुफ्त में काम किए हैं। मेरा प्रोफाइल देखिए मैंने कैसे काम किए हैं। इस केस में सारे लोग मिले हुए हैं। 37 साल पहले हमारी शादी हुई। अगर मैं गलत हूं तो 10-15 केस तो हुए होंगे। मैं चाहता हूं कि इस केस में जांच हो।’