शीना बोरा हत्याकांड में बेटी की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने फिर से मेडिकल आधार पर जमानत मांगी है। अगस्त 2015 से बायकुला जेल में बंद इंद्राणी ने कोर्ट से अब कहा है कि अगर उन्हें ‘न्यूरोलॉजिकल बीमारी’ से जुड़ा इलाज न मिला, तो वह शायद ही बच पाएं।
कोर्ट में दिए उनके बयान के मुताबिक, “मेरी सेहत दिन-ब-दिन गिर रही है। हर मिनट होने वाली देरी से मेरे 20 लाख ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंच रहा है। मेरी स्थिति बेहद गंभीर है। पहले, मुझमें ब्रेन स्ट्रोक और फेशियल पैरालिसिस के लक्षण नजर आए थे…अगर जेल में डॉक्टर न हों या फिर मुझे अस्पताल ले जाने के लिए सुरक्षा कर्मचारी न हों, तब तो मैं मर ही जाऊंगी।”
बकौल इंद्राणी, “मुझे इस बात का आभास तब हुआ, जब पति और मामले के सह-आरोपी पीटर मुखर्जी (आर्थर रोड जेल में बंद) को पिछले साल मार्च में जेल के भीतर ही दिल का दौरा पड़ गया था। बाद में उनकी बायपास सर्जरी हुई थी।”
मुखर्जी के मुताबिक, उन्हें तीन साल से हर तीन महीने पर न्यूरोलॉजिस्ट के पास चेकअप के लिए जाने का मौका नहीं मिल पाया है। न ही उनके पास शहर में कोई जान-परिचित के लोग हैं, जो आपातकालीन स्थिति में उनके लिए आगे आ सकें और मदद करें। उन्होंने इससे पहले दावा किया था कि उनके दिमाग के MRI स्कैन से पता लगा था कि उनके दिमाग में “Chronic Ischemic Changes” हुए हैं।
यही वजह है कि उन्होंने आगे कहा- मैं हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि मुझे जाने दिया जाए। मुझे रिहा कर दें, क्योंकि मैं मरने जा रही हूं। बता दें कि इससे पहले इंद्राणी द्वारा दाखिल की गई मेडिकल आधार पर याचिकाएं कोर्ट खारिज कर चुका है।