चर्चित शीना बोरा मर्डर केस में मंगलवार को अदालत में बड़ा ट्विस्ट आया। इस केस की अहम गवाह विधि मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने कभी सीबीआई या पुलिस को कोई बयान नहीं दिया। उनका कहना है कि चार्जशीट में उनके नाम से जो बयान लगाए गए हैं, वो पूरी तरह से “जाली और मनगढ़ंत” हैं।
विधि मुखर्जी, इंद्राणी मुखर्जी और उनके पूर्व पति संजीव खन्ना की बेटी हैं। दोनों इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस के आरोपी हैं। इंद्राणी की दूसरी बेटी शीना बोरा ही इस हत्या की शिकार थी। मंगलवार को विधि ने विशेष सीबीआई कोर्ट में गवाही दी। विधि ने कहा कि उनकी मां इंद्राणी के पास अब बचाव करने के लिए पैसे नहीं बचे। वजह ये कि पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल और राबिन ने उनके अकाउंट से करोड़ों के पुश्तैनी गहने और करीब 7 करोड़ रुपये निकाल लिए। यही वजह है कि उन्हें शक है कि इंद्राणी को झूठा फंसाने की साजिश उन्हीं लोगों ने की।
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विधि ने बताया कि अपराध के वक्त वो नाबालिग थीं। मां की गिरफ्तारी के बाद वो मानसिक रूप से बुरी तरह टूट गईं। उन्होंने स्वीकार किया कि उनसे पुलिस और सीबीआई दोनों ने पूछताछ की थी, लेकिन उन्होंने कभी लिखित बयान नहीं दिया। उनका कहना है कि उनसे कई कागजों पर जबरन साइन कराए गए, जिनमें ईमेल की कॉपी और खाली पन्ने भी थे। अदालत में जब आरोपपत्र का हिस्सा दिखाया गया तो उन्होंने साफ कहा– “ये मेरा बयान नहीं है।”
विधि ने गवाही में याद किया कि शीना बोरा खुद को इंद्राणी की बहन बताती थी। शुरू में दोनों में अच्छे रिश्ते थे, लेकिन तनाव तब बढ़ा जब पीटर के बेटे राहुल मुखर्जी उनके घर आने-जाने लगे। बाद में परिवार को पता चला कि राहुल ड्रग्स लेते हैं और शीना भी इसमें शामिल हो गई। विधि ने बताया कि उन्होंने शीना को आखिरी बार 2011 में गोवा की शादी में देखा था, लेकिन 2013 तक ईमेल पर उनसे संपर्क था।
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अभियोजन पक्ष का आरोप है कि अप्रैल 2012 में इंद्राणी, उनके ड्राइवर श्यामवर राय और संजीव खन्ना ने शीना का गला दबाकर हत्या की और शव को रायगढ़ के जंगल में जला दिया। ये राज 2015 में तब खुला जब ड्राइवर राय को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया और उसने सच उगल दिया। इसके बाद इंद्राणी, पीटर और संजीव खन्ना गिरफ्तार हुए। आरोप ये भी है कि हत्या के बाद इंद्राणी, शीना के अकाउंट से ईमेल भेजकर दिखाती थीं कि वो जिंदा है।
विधि ने बताया कि 2015 में मां की गिरफ्तारी के बाद पीटर मुखर्जी का परिवार उनके घर आया और इंद्राणी के सामान जैसे परफ्यूम और बैग तक को लेकर झगड़ा करने लगा। रबिन मुखर्जी ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने परिवार का साथ नहीं दिया तो उन्हें पुश्तैनी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि मां की गिरफ्तारी के बाद उनके करोड़ों के गहने और 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक बचत गायब कर दी गई। यहां तक कि राहुल और राबिन के नाम पर नया लॉकर खोलकर गहने उसमें रखे गए।
विधि का कहना है कि ये चोरी पीटर की जानकारी के बिना संभव नहीं थी। राहुल बेरोजगार थे और राबिन की आर्थिक हालत भी खराब थी, इसलिए पैसों की उन्हें सख्त जरूरत थी। अगर इंद्राणी जेल से बाहर आतीं तो उन्हें ये सब लौटाना पड़ता। इसी वजह से उन्होंने इंद्राणी को इस केस में झूठा फंसाया। विधि की गवाही बुधवार को भी जारी रहेगी।