जम्मू-कश्मीर में एक वर्ष के भीतर तीन पुलिसकर्मियों को शौर्य चक्र से नवाजा गया है। इनमें से दो को मरणोपरांत ये पुरस्कार दिया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा शनिवार (17 अगस्त, 2019) को जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक सब इंस्पेक्टर इमरान और स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) आशिक हुसैन मलिक को मरणोपरांत सम्मानित किया गया। पुरस्कार पाने वाले तीसरे विजेता हेड कांस्टेबल सुभाष चंदर हैं। पुलिस विभाग के मुताबिक प्रदेश पुलिस को वीरता के लिए राष्ट्रपति द्वारा एक पुलिस पदक के अलावा 60 पुलिस वीरता पदक और सराहनीय सेवा के लिए 15 राष्ट्रपति पदक मिले।
शौर्य पुरस्कार विजेताओं में से एक सब इंस्पेक्टर इमरान 17 नवंबर, 2017 को श्रीनगर में आतंकियों संग मुठभेड़ में मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक क्षेत्र में एक वाहन पर आतंकियों की आवाजाही की सूचना मिलने के बाद इमरान और एक पुलिस टीम ने शहर के करीबी इलाके में एक चेक पोस्ट बनाया। इस दौरान जिस वाहन से आतंकी आ रहे थे उसे सब इंस्पेक्टर और पुलिस टीम ने रोकने की कोशिश की। इसके जवाब में आतंकियों ने फायरिंग कर दी।
पुलिस बयान में आगे बताया गया कि इस शूटआउट के जवाब में इमरान ने वाहन के ड्राइवर को गोली मारी मगर इसमें वह खुद भी घायल हो गए। इस दौरान जब वाहन में सवार आतंकियों ने भागने की कोशिश की तब इमरान और उनकी टीम ने उनका पीछा किया और क्वार्टर के करीब उनकी मुठभेड़ हुई, इसमें एक आतंकी मारा गया। इसके अलावा एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया गया। मुठभेड़ में घायल हुए इमरान ने बाद में दम तोड़ दिया।
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मरणोपरांत शौर्य चक्र पाने वाले बहादुर वीर अनंतनाग में चितरगुल निवासी एसपीओ आशिक हुसैन मलिक थे। मलिक 22 जून, 2018 में बिजबेहरा स्थित एक घरे में छुपे आतंकियों के खिलाफ ज्वाइंट ऑपरेशन का हिस्सा थे। पुलिस बयान के मुताबिक घर के अंदर से भारी फायरिंग के दौरान एसपीओ मलिक मकान के करीब पहुंचने और आतंकियों से लड़ने में सक्षम थे। इस ऑपरेशन में चार आतंकी मारे गए और बहादुर मलिक ने भी अपनी जान देश के लिए न्यौछावर कर दी।

