जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने आज अरविंद केजरीवाल के उस बयान का बचाव किया जिसमें उन्होंने मतदाताओं से कहा था कि वे भाजपा और कांग्रेस से ‘पैसे’ ले लें लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को ही दें। यादव ने साथ ही चुनाव आयोग से केजरीवाल को दिए गए नोटिस की समीक्षा करने की भी मांग की।

जदयू अध्यक्ष ने केजरीवाल की टिप्पणी को ‘सही’ ठहराते हुए कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने चुनाव में धन और बाहुबल को रोकने के लिए कोशिशें की हैं और एक इंसान कह रहा है कि भाजपा और कांग्रेस से पैसे ले लें लेकिन अपना महत्वपूर्ण वोट ना बेचें।’’ यादव ने कहा, ‘‘तो इसमें गलत क्या है, यह सही है।’’

गौरतलब है कि रविवार को एक चुनाव रैली में आम आदमी पार्टी के समन्वयक ने कहा था, ‘‘यह चुनाव का समय है। जब भाजपा और कांग्रेस के लोग आपको पैसे देने आएं तो उन्हें मना मत करें, पैसे ले लें, कुछ ने 2जी से पैसे लूटे हैं, कुछ ने कोयला घोटाले से पैसे लूटे हैं।’’

उन्होंने कहा था, ‘‘दोनों पार्टियों से पैसे ले लें लेकिन वोट आप को दें। हम इस बार उन्हें बेवकूफ बनाएंगे। वह हमें पिछले 65 सालों से बेवकूफ बनाते आए हैं। अब हमारी बारी है।’’

इस टिप्पणी की वजह से विवाद पैदा हो गया और चुनाव आयोग ने टिप्पणी को ‘चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन’ बताते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।

चुनाव आयोग से उसके इस कदम की समीक्षा करने का अनुरोध करते हुए यादव ने मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा को पत्र लिखकर कहा, ‘‘मैं आपसे लोकतंत्र के हित में आप को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अपने फैसले की समीक्षा का अनुरोध करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी राय में सदियों से चुनाव के समय विभिन्न राजनीतिक दल इस तरह के बयान देते आए हैं और अधिकतर उन पार्टियों ने ऐसे बयान दिए हैं जिनके पास कम संसाधन होते हैं।’’

यादव ने टिप्पणी से रिश्वत को बढ़ावा मिलने के दावों से भी इनकार किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उन्होंने (केजरीवाल ने) मतदाताओं को रिश्वत लेकर वोट करने के लिए बढ़ावा दिया है बल्कि उन्होंने कहा कि आपको अपनी पसंद के अनुरूप अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए।’’