जनता दल (एकी) अध्यक्ष शरद यादव ने स्वच्छ भारत अभियान में करोड़ों रुपए खर्च करने को बेमतलब करार देते हुए सरकार से शनिवार को कहा कि वह इस तरह से जनता का पैसा पानी में नहीं बहाए।
स्वच्छता अभियान के केवल विज्ञापनों में 94 करोड़ रुपए खर्च करने संबंधी खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि करदाताओं के पैसों को इस तरह खर्च करते देख कर किसी को भी दुख होगा। पेयजल एवं स्वच्छता और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह को लिखे पत्र में यादव ने कहा है कि इन विज्ञापनों से भारत कितना स्वच्छ हुआ है यह किसी को जमीनी स्तर पर कुछ नहीं दिख रहा है।
वीरेंद्र सिंह को लिखे पत्र में राज्यसभा सांसद यादव ने कहा है कि भारत की बहुसंख्यक आबादी लाचार, गरीब और पिछड़ी हुई है और ज्यादा लोग गांवों में रहते हैं। इन लोगों को रोटी के लाले पड़े हैं। उन्होंने आश्यर्च जताया है इनका पेट भरने से पहले स्वच्छ भारत अभियान में करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बात कोई बच्चा भी नहीं मान सकता कि गांवों में स्वच्छ भारत अभियान का रत्ती भर असर पड़ा है।
शरद यादव ने चौधरी वीरेंद्र सिंह से कहा है कि उनके मंत्रालय को तुरंत सोचना चाहिए कि इस तरह से जनता के पैसों को पानी में न बहाया जाए, बल्कि इसका इस्तेमाल जरूरतमंदों के लिए हो। उन्होंने कहा कि जब तक गांव के गरीब आदमी की जिंदगी नहीं बदल जाती इन विज्ञापनों से कुछ नहीं होने वाला। उन्होंने इन विज्ञापनों पर खर्च हो रहे पैसों पर फौरन अंकुश लगाने की अपील की है।