मशहूर तमिल लेखक बी जयमोहन, शेतकारी संगठन के संस्थापक शरद जोशी के परिवार और पत्रकार वीरेन्द्र कपूर ने पद्म पुरस्कार लेने से मना कर दिया है। सोमवार को पद्म पुरस्कारों की सूची जारी होने से पहले इन्होंने पुरस्कार से इनकार कर दिया। इस बारे में जयमोहन ने कहा कि, उन्होंने हिंदू समर्थक माने जाने की आशंका के चलते पुरस्कार के लिए मना किया। हालांकि उनके लिए यह गर्व का मौका है। लेकिन वे नहीं चाहते कि कोई उनके लेखन को गलत तरह से लें। उन्होंने फेसबुक पर अपने पोस्ट में लिखा, अवार्ड लेने से दूसरे लोगों को उन्हें हिंदू समर्थक कहने का मौका मिल जाता। वे पहले से ही अपने राजनीतिक स्टैंड के चलते आलोचनाएं झेल रहे हैं। वे न तो ‘सत्ता में बैठे लोगों के करीबियों’ और न ‘देश विरोधियों’ के कैंप का हिस्सा बनना चाहते हैं।
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इसी बीच शेतकारी संगठन के ट्रस्टी और शरद जोशी के साथी अनंत देशपांडे ने कहा कि, ‘गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने जोशी की बेटी को रविवार को बुलाया था और मरणोपरांत पद्म श्री देने के बारे में चर्चा की थी। उन्होंने नम्रता से मना कर दिया और कहा उनका काम सम्मान से भी बड़ा है।’ जोशी के एक और साथी सुरेशचन्द्र म्हात्रे ने बताया कि, 1992 में भी जोशी को यह सम्मान देने का प्रयास हुआ था। लेकिन जोशी ने मना कर दिया था।
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वहीं पत्रकार वीरेन्द्र कपूर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, ‘मैं सरकार के खिलाफ नहीं हूं। पिछले 40 साल में मैंने किसी सरकार से कोई सम्मान नहीं लिया है। मैं सरकार से कुछ भी लेने में विश्वास नहीं करता।’ गौरतलब है कि वीरेन्द्र कपूर को इमरजेंसी के समय जेल में डाल दिया गया था। पिछले साल श्री श्री रविशंकर, योगगुरु बाबा रामदेव, सलमान खान के पिता सलीम खान और दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने पद्म सम्मान लेने से मना कर दिया था।
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