चिड़ियाघर में अकेले रह गए अफ्रीकी शंकर हाथी के लिए जल्द ही दो नए मादा साथी लाए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय ने एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि इस हाथी के लिए अफ्रीका से मादा हाथी लाए जाएंगे। इससे इस अकेले रह गए हाथी को अपने साथियों का फिर से साथ मिल सकेगा। मंत्रालय के मुताबिक इसकी एक रिपोर्ट जल्द ही अदालत के समक्ष भी रखी जाएगी।

बताया जा रहा है कि शंकर और बोम्बई नामक अफ्रीकी हाथियों के जोड़े को जिंबाब्वे ने 1998 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को उपहार में दिया था। 2005 में इसके साथी बोम्बई का निधन हो गया था। उसके बाद से ही शंकर हाथी अकेला पड़ गया था। इस वजह से हाथी में तनाव बढ़ने के मामले सामने आए थे। बाद में यह मामला अदालत में गया था। अदालत के आदेश पर ही विशेष समिति का गठन किया गया। यह समिति बीते वर्ष तैयार की गई थी, इसमें संबंधित संगठन समेत कुछ छात्रों को भी रखा गया था।

इस मामले में इस अफ्रीकी हाथी को जंगल में छोड़ने जैसी संभावनाओं पर भी समिति ने काम किया है। समिति में प्राधिकरण, केंद्रीय वन्य कल्याण बोर्ड समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।इस मामले में कहा गया है कि शंकर हाथी ने अपना एक लंबा समय चहारदीवारियों में ही बिताया है और यदि उसे जंगल में छोड़ा जाता है तो उसके जीवन का खतरा हो सकता है।

इसलिए आने वाले दिनों में इस हाथी के लिए बने क्षेत्र में विशेष इंतजाम किए जाने चाहिए। इन सिफारिशों के आधार पर जल्द ही चिड़ियाघर में शंकर के लिए कीचड़ के गड्ढे और पेड़ों का एक खास माहौल आदि तैयार किया जाएगा ताकि वहां जंगल जैसे वातावरण का आनंद ले सकें। अन्य गतिविधियों में समय व्यतीत कर अपने तनाव को दूर कर सके।

क्या था मामला

यह मामला अदालत के संज्ञान में आने के बाद सामने आया था। मामले में अदालत ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी के रखरखाव और जांच के आदेश दिए थे और यह भी पूछा था कि क्या शंकर हाथी के पुनर्वास के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया था कि इस अफ्रीकी हाथी के लिए मादा हाथी लाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। अदालत में यह याचिका यूथ फार एनीमल्स की तरफ से डाली गई थी।

इसलिए जरूरी माना था साथी का होना

2009 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि चिड़ियाघर में हाथियों की प्रदर्शनी को प्रतिबंधित किया गया है। इसके मुताबिक किसी हाथी को छह माह से अधिक समय के लिए अकेला नहीं रखा जा सकता। इसकेअतिरिक्त दिल्ली चिड़ियाघर के नजदीक से ही रेलवे की लाइन भी गुजरती है, जो हाथियों के लिए परेशानी की एक बड़ी वजह मानी गई थी।