शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने यह कहकर सोमवार (11 अप्रैल) को एक विवाद को जन्म दे दिया है कि महिलाओं द्वारा भगवान शनि की पूजा करने से बलात्कार सहित महिला विरोधी अपराधों में बढ़ोत्तरी होगी। स्वरूपानंद सरस्वती ने रविवार (10 अप्रैल) को हरिद्वार में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र में शनि शिग्नापुर मंदिर के गर्भगृह मे प्रवेश करने के बाद महिलाओं को विजयी महसूस नहीं करना चाहिये। उन्हें इस संबंध में ढोल आदि पीटना बंद कर देना चाहिये। शनि की पूजा करने से उनकी मुसीबतें बढ़ जायेंगी और उनके खिलाफ बलात्कार जैसे अपराध बढ़ जायेंगे।’’
महिलाओं के लिये शनि पूजा को अच्छा नहीं बताते हुए, स्वामी ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर खुशियां मनाने की बजाय उन्हें पुरुषों को नशीले पदार्थों’ के सेवन से रोकने के लिये कुछ करना चाहिये जिसके कारण वे उनके खिलाफ बलात्कार तथा अन्य अपराध करते हैं। द्वारिका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद फिलहाल हरिद्वार के एक पखवाड़े के दौरे पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के मंदिरों में साई बाबा की पूजा की परंपरा के कारण ही वहां सूखा पड़ गया है।
शंकराचार्य ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मंदिरों में सार्इं बाबा की मूर्ति की स्थापना की गयी है और गणेश तथा हनुमान जैसे देवताओं को उनके पैरों में बैठा दिया गया है। जब पूजा न करने लायक लोगों की पूजा मंदिरों में की जा रही है तो सूखे जैसी आपदाये तो आयेंगी ही।’’