महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंबा देवी विधानसभा सीट पर इस बार महायुति को ‘भीतरघात’ के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस सीट पर महायुति के उम्मीदवार के तौर पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने शाइना एनसी को चुनाव मैदान में उतारा है। अब खबर ये है कि इस सीट पर बीजेपी के नेता अतुल शाह ने बगावत कर दी है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मुंबा देवी विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भर दिया है।
बीजेपी द्वारा टिकट न दिए जाने से नाराज अतुल शाह ने निर्दलीय पर्चा भरने के सवाल पर कहा, “इसके पीछे कारण है। मैं पिछले कई सालों से इस इलाके में सक्रिय हूं और अब यहां ये चुनाव के सीजन में किसी और को टिकट देना- ये कोई म्यूजिकल चेयर का गेम नहीं है बल्कि चुनाव है।”
उन्होंने कहा कि पार्टी लीडरशिप को जीतने की संभावनाओं और कैंडिडेट द्वारा किए गए काम पर विचार करना चाहिए था। पार्टी के पास अभी भी अपना फैसला चेंज करने का टाइम है। उन्होंने कहा, “मैं पार्टी का वफादार हूं। मैं पार्टी लीडरशिप से अपील करता हूं कि वो अपनी गलती सुधारें अभी भी समय है।”

गोपाल शेट्टी ने भी की बगावत, दो बार रह चुके हैं सांसद
दो बार के सांसद गोपाल शेट्टी ने भी बीजेपी से बगावत कर दी है। वह पार्टी द्वारा चौथी लिस्ट जारी किए जाने के बाद पार्टी से नाराज हो गए। उन्होंने मंगलवार को बोरिवली से अपना नामांकन भरा। उन्होंने साल 2014 और 2019 में मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत चुनाव जीता था लेकिन उन्हें 2024 के आम चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इस बार लोकसभा चुनाव में पीयूष गोयल ने इस सीट से जीत दर्ज की। वो अब केंद्रीय मंत्री हैं।
गोपाल शेट्टी 2004 और 2009 में बोरिवली से विधायक रह चुके हैं। वह कई साल तक इस क्षेत्र से पार्षद भी रहे। सोमवार को बीजेपी ने यहां से चौथी लिस्ट में संजय उपाध्याय को उम्मीदवार घोषित किया है। बीजेपी द्वारा संजय उपाध्याय को टिकट दिए जाने पर गोपाल शेट्टी ने कहा, “मैं बहुत लंबे समय से पार्टी का एक निष्ठावान कार्यकर्ता रहा हूं। आज मैं चार बीजेपी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने में मदद करने गया था। लेकिन जब लिस्ट जारी की गई तो मुझे यह देखकर निराशा हुई कि मुझे टिकट नहीं दिया गया। मुद्दा यह नहीं है कि मुझे टिकट नहीं दिया गया, मुद्दा यह है कि उम्मीदवार बोरिवली का स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता होना चाहिए था।”