आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने जैसे ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच के सामने बहस करनी शुरू की, जस्टिस ने उनको तुरंत रोक दिया। लूथरा को कहा गया कि वो अपने जूनियर के बगल में खड़े होकर केवल उसकी मदद कर सकते हैं। हालांकि ये वाकया केवल लूथरा के साथ ही नहीं हुआ। बल्कि दिग्गज मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी को भी बहस से रोका गया।

दरअसल गर्मी की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट की नियमित बेंच अवकाश पर हैं। लिहाजा सुनवाई के लिए वेकेशन बेंचों का गठन किया गया है। इन बेंचों का नियम है कि इनके सामने सीनियर एडवोकेट पेश होकर बहस नहीं कर सकते। वेकेशन बेंच के सामने केवल जूनियर वकील ही पेश हो सकते हैं। वेकेशन बेंच कड़ाई से इस नियम का पालन करा रही हैं। चाहे कितना भी बड़ा वकील क्यों न हो। सुप्रीम कोर्ट में उसे बहस की अनुमति नहीं।

सबसे पहले अभिषेक मनु सिंघवी को जस्टिस ने रोका

सुप्रीम कोर्ट में आज सबसे पहले अभिषेक मनु सिंघवी को बहस करने से रोका गया। वो एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच के सामने पेश हुए थे। उनको देखते ही जस्टिस बोले- मि. सिंघवी आप वेकेशन बेंच के सामने हैं। आप केस को पेश नहीं कर सकते। अपने किसी जूनियर को भेजिए। जस्टिस की बात पर सिंघवी मुस्कुराए और फिर एडवोकेट ऑन रिकार्ड को आगे किया।

दूसरा वाकया सीनियर एडवोकेट अंजना प्रकाश के साथ पेश आया। जस्टिस विक्रमनाथ ने उनको भी अपना केस बेंच के सामने रखने से मना कर दिया। जस्टिस का कहना था कि आप पेश मत हों। किसी जूनियर को भेजिए। उसका स्किल भी तो सुधरना चाहिए। उसके बाद बारी आई एडवोकेट सिद्धार्थ दवे की। वो एक बेल के मामले में पेश हुए थे। जस्टिस बोले- नियम सबके लिए एक जैसे हैं। आपकोदमा जाना ही होगा।

रिटायर्ड जस्टिस को भी नहीं मिली वकील के तौर पर पेश होने की अनुमति

उसके बाद रिटायर जज दमा शेषाद्री नायडू किसी केस में पेश होने को आए पर उनको भी बहस की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि उनकी दलील थी कि उनका एडवोकेट ऑन रिकार्ड विदेश में है। लेकिन जस्टिस विक्रमनाथ ने फिर भी उनको कोर्ट में बहस नहीं करने दी। विवेकानंद रेड्डी की हत्या के केस में सिद्धार्थ लूथरा को कोर्ट में मौजूद रहने की अनुमति तो दी गई क्योंकि मामला संवेदनशील था। लेकिन जैसे ही वो खुद बहस करने लगे जस्टिस ने उनको रोका और कहा कि आप अपने जूनियर के बगल में खड़े होकर केवल मदद कर सकते हैं। हम आपको बहस नहीं करने देंगे।