अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इंफल के न्यू चेकन में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े। आगजनी की इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है क्योंकि जिन घरों में आग लगाई गई, वे खाली थे। पिछले महीने राज्य में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद उन घरों के लोग वहां से चले गए थे।

ताजा घटना ऐसे समय हुई, जब सेना और असम राइफल्स के जवानों ने राज्य में हिंसा बढ़ने के बाद अपना अभियान तेज कर दिया है। सेना की टुकड़ियों ने गश्त बढ़ा दी हैं और जहां भी अवरोध लगाए गए थे, उन्हें हटा दिया गया है।सेना ने एक ट्वीट में कहा कि हाल में हिंसा में वृद्धि के बाद सेना और असम राइफल्स के अभियान में तेजी लाई जा रही है। एक दिन पहले ही राज्य के खमेनलोक इलाके के एक गांव में उपद्रवियों के हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 10 घायल हो गए थे।

खमेनलोक इलाके में एक कुकी गांव में बुधवार तड़के हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों ने अपने अभियान को फिर से तेज कर दिया है। एक महीने पहले मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ह्यआदिवासी एकजुटता मार्चह्ण के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं।