अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने और वर्षों पुराना विवाद खत्म होने के बाद काशी और मथुरा को लेकर विवाद अदालतों में चल रहे हैं। इस बीच 5 फरवरी 2024 सोमवार को यूपी के बागपत जिले में एक धर्मस्थल को लेकर स्थानीय अदालत के फैसले से एक और पुराने विवाद का निपटारा हो गया। मंगलवार को वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। बागपत जिले के बरनावा स्थित एक टीले की भूमि को लेकर करीब पांच दशकों से विवाद चल रहा था। हालांकि दूसरा पक्ष इसको लेकर हाईकोर्ट जाने की बात कह रहा है। इस जगह की सुरक्षा के लिए मंगलवार को प्रशासन ने टेंट लगाकर पुलिस और डेढ़ सेक्शन पीएसी की तैनाती कर दी।
फैसले के बाद काफी लोग वहां देखने के लिए पहुंच रहे हैं
मीडिया सूत्रों का कहना है कि मौजूदा स्थल पर असमाजिकतत्वों की गतिविधि रोकने और क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए सुरक्षा बढ़ाई गई है। फिलहाल वहां पर लोगों को भीड़ लगाने या किसी भी तरह के आयोजन करने से मना किया गया है। फैसले के बाद काफी लोग वहां देखने के लिए पहुंच रहे हैं।
महाभारत काल में युद्ध से जुड़ा है उस जगह का संबंध
सोमवार को स्थानीय अदालत ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों के सबूतों के आधार पर हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया। साथ ही 100 बीघे जमीन को हिंदू पक्ष को सौंप दी। इससे इस मामले का निपटारा हो गया। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि टीले पर एक दरगाह है और पुराना कब्रिस्तान है। दूसरी तरफ हिंदू पक्ष का मानना था कि इस भूमि पर महाभारत काल में लाक्षागृह था। कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध के दौरान पांचों पांडव इसी लाक्षागृह से होकर गए थे।
इससे पहले अयोध्या में श्रीराम मंदिर में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद बनारस में काशी विश्वनाथ परिसर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा करने की अदालत ने अनुमति दी थी। अदालत के आदेश पर वहां पर शिव, गणेश और हनुमान की मूर्ति की वर्षों बाद नियमित पूजा होने लगी। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का भी शांतिपूर्ण ढंग से निपटारा हो जाएगा।
उधर, एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि धर्मस्थलों पर हाल के फैसलों से मुस्लिम समाज संतुष्ट नहीं है। लिहाजा वे मस्जिदों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।