Section 377 Supreme Court Verdict: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने IPC की धारा 377 के उस प्रावधान को निरस्‍त कर दिया है, जिसके तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध माना जाता है। LGBT समुदाय वर्षों से इस कानून को खत्‍म करने की मांग कर रहा था। कानूनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने में 5 लोगों ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल धारा 377 के प्रावधान को खत्‍म करने कर गुहार लगाई थी।

गौतम यादव: दिल्‍ली निवासी गौतम यादव गैरसरकारी संस्‍था हमसफर ट्रस्‍ट में बतौर प्रोग्राम ऑफिसर कार्यरत हैं। धारा 377 के खिलाफ याचिका दायर करने वालों में वह भी शामिल थे। उन्‍होंने बताया कि समलैंगिक होने के कारण उन्‍हें स्‍कूल में डराया-धमकाया जाता था। इससे तंग आकर उन्‍हें 15 वर्ष की उम्र में ही स्‍कूल छोड़ना पड़ा था। इसके अलावा शादी न करने के कारण नाते-रिश्‍तेदार भी उनका अपमान करते रहते थे। गौतम को 19 वर्ष की उम्र में पता चला कि व‍ह HIV पॉजिटिव हैं। उनका कहना है कि LGBT समुदाय की समस्‍याओं को देश के सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।

ऋतु डालमिया: ऋतु पेशे से एक शेफ हैं और दिल्‍ली में रहती हैं। उनका जन्‍म कोलकाता में हुआ था। रेस्‍टोरेंट क्षेत्र में भाग्‍य आजमाने के लिए वह लंदन चली गई थीं। वह वर्ष 1999 में भारत लौटी थीं। धारा 377 पर जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली हाई कोर्ट के फैसले को सुरक्षित रख लिया था, तब उन्‍होंने भी याचिका दायर की थी। ऋतु खुद को लेस्बियन बताने से भी नहीं हिचकती हैं। उन्‍होंने बताया कि यदि उन्‍होंने इस मामले में कुछ नहीं किया तो उन्‍हें शिकायत करने का भी अधिकार नहीं है।

केशव सुरी: द ललित सुरी हॉस्पिटेलिटी ग्रुप के कार्यकारी निदेशक (ED) केशव सुरी भी याचिका दायर करने वालों में शामिल हैं। उनकी कंपनी दुनिया की उन 83 कंपनियों में शामिल है जो व्‍यवसाय को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा निर्धारित मानकों को स्‍वीकार करती है। उन्‍होंने बताया कि जून 2016 में ऑरलैंडो (अमेरिका) के नाइट क्‍लब में गोलीबारी की घटना के बाद समलैंगिकों के हित में काम करने का फैसला किया था। बता दें कि इस हमले में 49 लोग शामिल थे, जिनमें अधिकांश LGBT समुदाय के थे। बाद में केशव ने भी धारा 377 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी थी।

नवतेज सिंह जौहर: भारत के जानेमाने क्‍लासिकल डांसर और संगीत नाटक अकादमी विजेता नवतेज सिंह जौहर ने अपने पार्टनर के साथ धारा 377 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उन्‍होंने अपनी याचिका में कहा था कि आईपीसी की यह धारा संविधान प्रदत्‍त जीने और निजता के अधिकार की स्‍वतंत्रता का उल्‍लंघन करता है। वर्ष 2016 में उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के हवाले कर दिया गया था।

सुनील मेहरा: वरिष्‍ठ पत्रकार सुनील मेहरा ने भी आईपीसी की धारा 377 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वह वर्ष 1994 में नवतेज सिंह जौहर से मिले थे। पहली मुलाकात के छह महीने के अंदर ही दोनों ने साथ में रहना शुरू कर दिया। दोनों ने मिलकर अभ्‍यास नामक स्‍टूडियो भी खोला।