केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) का चयन मंगलवार को विवादों में आ गया। सरकार ने अधीर रंजन चौधरी की आपत्तियों के बावजूद, राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी को अगला सीवीसी और बिमल जुल्का को अगला सीआईसी नियुक्त कर दिया गया। इसके साथ ही आंध्रा बैंक के पूर्व सीइओ सुरेश एन पटेल सीवीसी में नए सतर्कता आयुक्त होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक आवास पर मंगलवार शाम डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद इन दोनों नामों पर फैसला हुआ।
बहुमत के फैसले से पैनल ने सुरेश पटेल को सतर्कता आयुक्त और अनीता पांडोव को सूचना आयुक्त नियुक्त किया। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के पूर्व सचिव कोठारी अभी भारत के राष्ट्रपति के सचिव हैं, जबकि पूर्व सूचना और प्रसारण सचिव जुल्का वर्तमान में सूचना आयुक्त हैं। चौधरी के अलावा, इस बैठक में पीएम, गृह मंत्री अमित शाह ने भाग लिया; एमओएस, पीएमओ और डीओपीटी जितेंद्र सिंह, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और डीओपीटी सचिव सी चंद्रमौली ने हिस्सा लिया।
बैठक में, लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने तर्क दिया है कि पीएमओ द्वारा सीवीसी की नियुक्ति के लिए जो कागजात दिए गए हैं उसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं है इसमें बहुत सारी कमियां हैं। उनकी आपत्ति यह थी कि वित्त सचिव राजीव कुमार जो खुद सर्च कमेटी के सदस्य, सीवीसी के लिए एक आवेदक भी बन गए हैं और अंत में सर्च कमेटी द्वारा सीवीसी के पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी आपत्ति को दरकिनार करते हुए बहुमत के फैसले से कोठारी की नियुक्ति पर मुहर लगा दी।
चौधरी ने एक नोट में कहा है, “खोज समिति के गठन का पूरा उद्देश्य समाप्त हो गया है यह देखते हुए कि सदस्यों में से एक स्वयं एक आवेदक है और उसे सीवीसी के पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है और उसकी सिफारिश की गई है। गठित और प्रक्रिया को नए अनुप्रयोगों को आमंत्रित करके नए सिरे से शुरू किया जाना चाहिए।”