Jagdeep Dhankhar Controversy: पिछले कुछ दिनों से लोग देश के टीवी चैनलों, अखबारों, सोशल मीडिया पर एक ही सवाल का जवाब खोज रहे हैं कि आखिर जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा क्यों दिया? अब एक नया सवाल और खड़ा हो गया है। सवाल यह है कि जगदीप धनखड़ के साथ काम कर चुके लोग यानी उनके स्टाफ के लोग अब क्या कर रहे हैं?

इसे लेकर हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया है कि धनखड़ के इस्तीफा देने के 3 दिन बाद (21 जुलाई को दिया था इस्तीफा) उनके सचिवालय को बंद कर दिया गया और उनके साथ काम करने वाले कई सरकारी अफसरों को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया है।

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किसी भी कमरे को सील नहीं किया

धनखड़ के साथ काम कर चुके अफसरों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि वाइस प्रेसिडेंट के एन्क्लेव में किसी भी कमरे को सील नहीं किया गया है क्योंकि सोशल मीडिया पर इस तरह की चर्चाएं चल रही थी कि उनके दफ्तर को सील कर दिया गया है। एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि वाइस प्रेसिडेंट एंक्लेव में अभी कुछ सरकारी अफसर बचे हैं और वे भी अपने मूल कैडर में वापस जाने के लिए आदेश का इंतजार कर रहे हैं। नए वाइस प्रेसिडेंट एन्क्लेव में सचिवालय के लिए एक अलग विंग है।

धनखड़ के इस्तीफे के बाद एक-एक कर अधिकारी यहां से चले गए और सचिवालय को बंद कर दिया गया। एक अन्य अफसर के मुताबिक, उन्होंने अपनी चाबियां अंडर सेक्रेटरी को सौंप दी। धनखड़ के सचिव, ऑफिसर ऑफ स्पेशल ड्यूटी और प्रिंसिपल प्राइवेट सेक्रेटरी, ये तीनों ही IAS अफसर हैं और तीनों ही दफ्तर छोड़ चुके हैं। कुछ अधिकारी अभी भी यही हैं लेकिन जल्द ही वे भी चले जाएंगे।

पूर्व उपराष्ट्रपति को मिलेगा Type VIII बंगला

पूर्व उपराष्ट्रपति अपने पर्सनल स्टाफ में पांच कर्मचारी रख सकते हैं और उनकी सैलरी सरकारी खजाने से दी जाएगी। भारत में कहीं भी पूर्व राष्ट्रपति को Type VIII या इसके समकक्ष बंगला दिया जाएगा।

धनखड़ ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया, इसे लेकर यह जानकारी सामने आई थी कि जब उन्होंने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग नोटिस को राज्यसभा में स्वीकार किया था तो इससे सरकार नाराज हो गई थी क्योंकि सरकार चाहती थी कि महाभियोग की प्रक्रिया को लोकसभा के जरिए किया जाए।

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