लोकसभा चुनाव अभी हाल ही में खत्म हुए हैं। अब विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो गई है। इस साल के अंत में महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसको लेकर वहां की सभी पार्टियां पूरी तैयारी में जुटी हुई हैं। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन भी तैयारी में है लेकिन तीनों पार्टियों के बीच सीट बटवारें को लेकर कोई आधिकारिक बात नहीं हुई है। हालांकि बीजेपी के सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है।
288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के लिए सीट शेयरिंग का फार्मूला सेट करना आसान नहीं है। जानकारी के अनुसार बीजेपी अपने पास किसी भी हाल में 150 सीटें रखना चाहती है। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 100 से कम सीट देने का प्लान है। हालांकि शिंदे 100 से कम पर तैयार होने वाले नहीं है। वहीं राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी किसी भी हाल में 80 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे में लगभग 40 सीटों को लेकर पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। जिसको लेकर बीजेपी अपने सहयोगी दलों से बातचीत करके इस गुत्थी को सुलझाना चाहेगी।
हाल ही में बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी की स्थिति कुछ खास नहीं थी। राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से महायुति गठबंधन को 17 सीटें आई थी। जबकि महा विकास अघाड़ी को 30 सीट पर जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव परिणाम में बीजेपी को हुए नुकसान के बाद से ही विधानसभा चुनाव में सहयोगी दल उसपर दवाब बनाने वाले हैं।
छोटी पार्टियों का भी रखना है ध्यान
वर्तमान स्थिति की बात करें तो बीजेपी के 106 विधायक हैं जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायक हैं। वहीं अजीत पवार की एनसीपी के भी 40 विधान सभा सदस्य हैं। इसके अलावा अन्य छोटे दल भी गठबंधन का हिस्सा हैं। वर्तमान में महायुति गठबंधन के 218 विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी को अपने मुख्य दो सहयोगी पार्टियों के अलावा अन्य छोटी पार्टियों पर भी ध्यान देना है।
जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार को अजीत पवार और देवेंद्र फड़नवीस नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत हुई है। बताया जा रहा है कि अजीत पवार को 54 सीटों पर लड़ने की बात कही गई है। वहीं उनके पार्टी के नेताओं का दबाव है कि 80 से 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। पिछले विधानसभा चुनाव में अविभाजित एनसीसी ने 120 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें से उसे 54 सीटों पर जीत मिली थी।