मानुषी पत्रिका की संपादक और स्कॉलर मधु किश्वर की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया। जेएनयू के वाइस चांसलर (कुलपति) एम जगदीश कुमार ने मधु किश्वर को यूनिवर्सिटी एकेडमिक काउंसिल (AC) में स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड सौंदर्यशास्त्र (एसएए) का प्रतिनिधित्व करने के लिए बाहरी विशेषज्ञ के तौर पर नियुक्त किया है। उनकी यह नियुक्ति दो साल के लिए की गई है। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद के सदस्य के तौर पर किश्वर को जेएनयू की शैक्षणिक नीतियों से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने की शक्ति होगी। यूनिवर्सिटी की 143वीं शैक्षणिक परिषद की बैठक 9 मई को प्रस्तावित की गई है। सूत्रों के मुताबिक किश्वर को 3 मई को ऑफिशियल लेटर जारी कर मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा गया है। बैठक में एमफिल और पीएचडी सीटों में भारी कटौती सहित विश्वविद्यालय प्रवेश नीति में बदलाव पर बहस होने की उम्मीद है।
किश्वर की नियुक्ति को लेकर SAA की फैकल्टी के धड़े द्वारा विरोध दर्ज कराया गया है। विरोध करने वालों में कुछ टीचरों के सााथ कॉलेज के डीन भी शामिल हैं। शिक्षकों ने किश्वर की नियुक्ति की आलोचना करते हुए कहा कि किश्वर नाम उस लिस्ट में शामिल नहीं था तो स्कूल की ओर से कुलपति को दी गई थी। हर स्कूल को विश्वविद्यालय को कम से कम चार बाहरी नामों (जिनका स्कूल से संबंध न हो) का सुझाव देना आवश्यक है, आमतौर पर कुलपति इनमें से एक का चयन करता है।
SAA के डीन बिष्णुप्रिया दत्त ने कहा, “हमने नियुक्ति के लिए यूनिवर्सिटी को कुछ नामों के सुझाव भेजे थे। हमारी ओर से 6 लोगों का नाम दिया गया था जो कि आर्ट्स के क्षेत्र में महारथ रखते हैं। किश्वर का नाम उस लिस्ट में शामिल नहीं था कि क्योंकि कला के अध्ययन से कोई लेना देना नहीं है। वह हैरान कि हमारे ओर से दिए गए नामों को क्यों खारिज कर दिया गया और जिस शख्स का हमारे काम से कोई लेना देना नहीं हैं उन्हें चुना गया है।” स्कूल के 17 साल के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “हमने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से पूछा है कि ऐसा क्यों किया गया है। मुझे उम्मीद है कि वह इसका तार्किक स्पष्टीकरण देंगे।”
हमारे सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मधु किश्वर ने कहा, “नियुक्ति को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है क्योंकि उन्होंने इसके लिए आवेदन नहीं किया था।” डीन द्वारा जताए गए विरोध पर उन्होंने कहा, “मैंने कई डॉक्यूमेंट्रीज बनाई है, उनमें से 13 की दूरदर्शन पर स्क्रीनिंग हुई है। साथ ही मैं बॉलिवुड की एक किताब पर काम कर रही हूं। यही नहीं अंगिनत फिल्म समीक्षा लिखी है। ऐसा नहीं है कि मैं विवाद की परवाह करती हूं लेकिन उन्हें (डीन को) बकवास (nonsense) करने से पहले कम से कम मेरा सीवी देख लेना चाहिए था।”
मानुषी की संस्थापक संपादक किश्वर दिल्ली के मिरांडा हाउस और जेएनयू से ग्रेजुएट हैं। किश्वर ने जेंडर तथा राजनीति जैसी विषयों पर लंबी रिसर्च की है और लगातार इन मुद्दों पर लिखती आ रही हैं। साल 2014 में उनकी किताब- Modi, Muslims and Media: Voices from Narendra Modi’s Gujarat प्रकाशित हुई थी।