Chief Justice, Ranjan Gogoi: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अदालत में राजनीतिक तौर पर देश के दो बेहद महत्वपूर्ण मामलों राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद जमीन मालिकाना हक विवाद और असम के एनआरसी पर सुनवाई चल रही है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्री विभाग के सामने इस सुनवाई को देखने पहुंच रही भीड़ को मैनेज करने में खासी दिक्कत आ रही है।
ये सुनवाई खुली अदालत में हो रही है। ऐसे में आम जनता को भी कोर्ट की कार्यवाही देखने की छूट होती है। ऐसे में अक्सर अदालत में बहुत ज्यादा भीड़ इकट्ठी हो जाती है जिसे मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। हाल ही में अदालत से दरख्वास्त की गई थी कि अयोध्या विवाद से जुड़ी सुनवाई का लाइव टेलिकास्ट किया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
खबरों के मुताबिक, अब रजिस्ट्री विभाग को हिदायत दी गई है कि कोर्ट परिसर में दाखिल होने के लिए जारी होने वाले विजिटर पासों की संख्या पर बंदिश लगाई जाए। अब मामले से जुड़े वकीलों को ही कोर्टरूम संख्या 1 में एंट्री मिल रही है। इसके अलावा, अब ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर विजिटर्स पास जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा, हर एप्लिकेशन पर मामले से जुड़े एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के हस्ताक्षर होंगे।
बताया जा रहा है कि इतने ज्यादा लोग अब भी पहुंच रहे हैं कि काउंटर खुलने के एक घंटे में ही विजिटर्स पास खत्म हो जा रहे हैं। बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में शुक्रवार को भी कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में शामिल पक्षों में से एक राम लला विराजमान से पूछा कि क्या भगवान राम के के वंशज में से कोई अभी भी अयोध्या में रह रहा है?
गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने राम लला विराजमान के लिये पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के पराशरन के सामने यह सवाल रखा। बेंच ने कहा, “हम सिर्फ सोच रहे हैं कि क्या ”रघुवंश” का कोई व्यक्ति अभी भी (अयोध्या में) रह रहा है?” बेंच ने कहा कि यह जिज्ञासावश पूछा जा रहा है। पराशरन ने जवाब दिया, “मुझे जानकारी नहीं है। हम इसका पता लगाने की कोशिश करेंगे।”
(भाषा इनपुट्स के साथ)