इस बार आजादी के जश्न में कुछ खास मेहमान होंगे। लाल किले से जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाषण देंगे तो उसके साक्षी चीन सीमा से सटे गांवों के सरपंच भी बनेंगे। 15 अगस्त के जश्न में अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में चीन सीमा पर लगभग 662 गांवों के सरपंच विशेष अतिथि होंगे। इस सभी गांव केंद्र के वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (वीवीपी) के तहत आते हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) मुख्यालय ने इन जिलों में अपने कर्मियों को संपर्क अधिकारी (Liaison Officers ) नियुक्त करने का निर्देश दिया है। सरपचों को जिला मुख्यालय से दिल्ली लाने और उन्हें वापस ले जाने की जिम्मेदारी इन्ही अधिकारियों की होगी। सभी संपर्क अधिकारी आईटीबीपी से होंगे।

किया गया यह खास इंतजाम

आईटीबीपी की ओर से विभाग आदेश में इन मेहमानों के लिए खास इंतजाम करने को कहा गया है। खास तौर पर महिला मेहमानों का विशेष ध्यान रखने का आदेश दिया गया है। महिला मेहमानों के लिए महिला कर्मियों की संख्या की भी उचित व्यवस्था रखी जाएगी। कुछ जिले ऐसे भी हो सकते हैं यहां ऐसा कोई व्यक्ति ना मिले, ऐसी स्थिति में संपर्क अधिकारी (LO) की ओर से जो भी बेहतर विकल्प होगा उसे चुना जाएगा। महिलाओं के मामले में यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हो सकता है। ऐसी स्थिति में ऐसी महिला का चुनाव किया जाएगा जिसकी अंग्रेजी अच्छी हो। सभी मेहमानों को फ्लाइट से दिल्ली लाया जाएगा। इतना ही नहीं वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत आने वाले सीमावर्ती गांवों के सभी सरपंचों को इसकी जानकारी दे दी गई है।

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के बगोरी गांव की सरपंच सरिता रावत ने कहा कि 2 जुलाई को, मुझे पंचायत अधिकारियों ने सूचित किया कि मुझे लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना है। मेरे अलावा आठ पड़ोसी सरपंचों को भी निमंत्रण मिला है। आईटीबीपी कर्मी लगातार हमसे संपर्क कर रहे हैं। सरिता रावत ने कहा कि मैं अपने पति के साथ आऊंगी। मैं 2019 से अपने गांव की सरपंच हूं। वहीं उत्तरकाशी जिले के हर्षिल गांव के सरपंच दिनेश रावत ने कहा कि एक सप्ताह पहले जिला प्रशासन और आईटीबीपी कर्मियों ने मुझसे स्वतंत्रता दिवस के लिए पास बनाने के लिए अपने दस्तावेज मुहैया करने के लिए कहा था। मुझे अभी औपचारिक निमंत्रण तो नहीं मिला लेकिन मुझे बताया गया है कि मुझे और मेरी पत्नी को आमंत्रित किया गया है।

क्या है वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम?

बता दें कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की घोषणा 2022 के बजट में की गई थी। इस प्रोग्राम के तहत चीन की सीमा से लगे इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना है। इस योजना के तहत, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में देश की उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों के करीब 2,967 गांवों की ‘व्यापक विकास’ के लिए पहचान की गई है। योजना के पहले चरण के लिए 662 गांवों का चुनाव हुआ है। इन गांवों में बेहतर इंफ्रास्ट्र्क्चर पर 4,800 करोड़ रुपये के खर्च किए जाएंगे।