असम सरकार ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के कार्यक्रमों में शामिल होने के संबंध में गाइडलाइंस जारी की हैं। इसके अनुसार उनके लिए बिस्कुट या ड्राई फ्रूट के साथ चाय या पानी ही उपलब्ध कराई जाए। इसमें कहा गया है कि जिन कार्यक्रमों में सोनोवाल शामिल होंगे उनमें उनसे पहले दो से ज्यादा लोग नहीं बोलेंगे। ये गाइडलाइंस शनिवार (17 दिसंबर) को जारी की गई हैं। सीएम के आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होने को लेकर जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार इस तरह की बैठकों का समय एक घंटे से ज्यादा नहीं होगा। इसमें बताया गया है, ”मुख्यमंत्री के समय को लेकर जबरदस्त मांग के चलते कोई भी कार्यक्रम एक घंटे से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। इस अवधि से ज्यादा के कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति लेनी होगी।”
आगे लिखा गया है, ”मुख्यमंत्री के संबोधन से पहले दो लोगों से ज्यादा नहीं बोलने चाहिए। केवल साफ पानी, चाय/कॉफी और बिस्कुल या ड्राई फ्रूट के अलावा कुछ भी इन बैठकों में सर्व नहीं किया जाना चाहिए।” दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि मंच पर पहली पंक्ति में सात से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए और दो से ज्यादा लाइन नहीं होनी चाहिए। पहली और दूसरी पंक्ति के बीच चार फीट से कम दूरी नहीं होनी चाहिए।”
हाल ही में सोनोवाल सरकार मदरसों को लेकर नियम जारी करने के चलते विवादों में आई थी। सरकार ने मदरसों के शुक्रवार को छुट्टी रखने पर पाबंदी लगा दी थी। शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कुछ मदरसों के शुक्रवार के दिन बंद रहने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था, ”सरकार को हाल ही में पता चला है कि राज्य में कुछ मदरसे शुक्रवार के दिन बंद रहते हैं। यह कानून के खिलाफ हैं। यदि उन्होंने ऐसा करना बंद नहीं किया तो सरकार इस तरह के संस्थानों के हैडमास्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकेगी नहीं। मदरसे पाकिस्तान और बांग्लादेश में शुक्रवार को बंद रहते हैं भारत में नहीं। हमारे देश में रविवार के दिन सभी धर्मों के लोग साप्ताहिक छुट्टी पर रहते हैं। मदरसों को भी रविवार के दिन ही बंद रहना चाहिए।” इसके बाद असम में कई मदरसों ने इस पर एतराज जताया था। उनका कहना था कि यह धार्मिक मामलों में दखल है।

