28 साल पुराने मामले में पूर्व IPS संजीव भट्ट दोषी माना गया है, कोर्ट ने उन्हें 20 साल की सजा सुनाई है। बुधवार को सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया था और अब आज गुरुवार को उन्हें कड़ी सजा सुना दी गई है। भारी जुर्माने के साथ 20 साल के लिए उन्हें जेल में रहना पड़ेगा। बड़ी बात ये है कि इससे पहले कस्टोडियन डेथ मामले में पहले ही संजीव भट्ट उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि 1996 में राजस्थान के वकील सुमेरा सिंह राजपुरोहित को गिरफ्तार किया गया था। स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। लेकिन बाद में पता चला कि उस केस में संजीव भट्ट ने ही वकील को फंसाने का काम किया। इसी वजह से 1999 में पूर्व पुलिस निरीक्षक आई बी व्यास ने मामले की गहन जांच के लिए हाई कोर्ट जाने का फैसला किया था। उसके बाद ही मामला सीआईडी के पास गया और 2018 में संजीव भट्ट की गिरफ्तारी हुई। अब उसी माममे में उन्हें 20 साल की सजा सुना दी गई है।

ये अलग बात है कि संजीव की पत्नी तमाम आरोपों को गलत बता रही हैं और उनकी तरफ से कोर्ट के आदेश पर भी निराशा जाहिर कर दी गई है। गुजरात हाईकोर्ट ने मामले की जांच जून 2018 में सीआईडी के हवाले कर दी थी। सितंबर में भट्ट को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद सीआईडी ने व्यास और संजीव भट्ट के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दिए आदेश में कहा था कि सुनवाई 9 माह में पूरी कर ली जाए। 2022 में हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट को सुनवाई पूरी करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय भी दिया था।